Saturday, April 20, 2024
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RAJAT SHARMA BLOG: राफेल डील को लेकर बिन बात का हंगामा

ऐसे करीब पंद्रह उदाहरण हैं जब कांग्रेस की सरकार थी और रक्षा मंत्रियों ने राष्ट्र की सुरक्षा का हवाला देकर रक्षा सौदों का ब्यौरा सार्वजनिक तौर पर बताने से इनकार किया था।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: February 09, 2018 19:16 IST
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से राफेल एयरक्राफ्ट सौदे पर उठाए गए सभी सवालों का जवाब दिया। जेटली ने यह साफ किया कि सुरक्षा कारणों से रक्षा सौदों का ब्यौरा कभी सार्वजनिक नहीं किया जाता और काफी सालों से यह परंपरा रही है। जब प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे उस समय उनकी पार्टी के सांसद जनार्दन पुजारी ने पिछले तीन साल के रक्षा सौदों का ब्यौरा मांगा था लेकिन मुखर्जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर ब्यौरा देने से इनकार दिया था।

2007-08 में जब एके एंटनी रक्षा मंत्री थे तब सीताराम येचुरी ने इजरायल से मिसाइल सौदे का ब्यौरा मांगा था लेकिन एके एंटनी ने भी ब्यौरा देने से मना कर दिया था। ऐसे करीब पंद्रह उदाहरण हैं जब कांग्रेस की सरकार थी और रक्षा मंत्रियों ने राष्ट्र की सुरक्षा का हवाला देकर रक्षा सौदों का ब्यौरा सार्वजनिक तौर पर बताने से इनकार किया था।

रक्षा सौदों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करने की दो वजह होती है। एक, अगर हथियारों की डिटेल्स बता दी जाए तो दुश्मन को भी पता चल जाता है कि आपने जो हथियार खरीदे उसकी खासियत क्या है। दूसरी बात ये कि कई बार ऐसे सौदों में यह समझौते का हिस्सा होता है कि आप सौदे का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करेंगे। राहुल गांधी को यह समझना पड़ेगा कि रक्षा सौदों का ब्यौरा नहीं बताने का मतलब भ्रष्टाचार नहीं होता क्योंकि अगर ये वाकई में भ्रष्टाचार है तो फिर प्रणब मुखर्जी और एके एंटनी पर भी डिटेल नहीं देने पर सवाल उठेंगे। (रजत शर्मा)

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