नई दिल्ली: विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना की ओर से पहले नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमले किए गए हैं या नहीं, इस बारे में सिर्फ सेना जानती है और ऐसे हमलों के बारे में कोई ‘संदेश’ नहीं दिया गया।
सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘विदेश सचिव ने कहा कि अहम मुद्दा यह है कि हमने लक्षित हमले करने के बाद सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी दी जिससे एक राजनीतिक-सैन्य संदेश गया। पहले सीमा पार की गई कि नहीं, इसके बारे में सिर्फ सेना जानती है। लेकिन यह अप्रासंगिक है, क्योंकि कोई संदेश ही नहीं दिया गया।’
विदेश मामलों से जुड़ी संसदीय समिति में हुए वाकयों के बारे में स्पष्टीकरण तब दिया गया जब कुछ विपक्षी सांसदों ने विदेश सचिव के हवाले से कहा कि सेना ने ‘नियंत्रण रेखा के पार पहले भी विशिष्ट लक्ष्य पर, सीमित-क्षमता के आतंकवाद निरोधक अभियानों’ को अंजाम दिया है, लेकिन पहली बार सरकार ने इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी।
गौरतलब है कि 28 सितंबर और 29 सितंबर की दरम्यानी रात को उरी आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने 50 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने कई मौकों पर सर्जिकल स्ट्राइक का खंडन किया है।