Thursday, March 28, 2024
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पर्रिकर बोले, गोवावासियों के मछली नहीं खाने के कारण दखल देना पड़ा

पर्रिकर ने यहां सम्मेलन में पूछे गए सवाल पर कहा, "बीते रोज मैं चुप था। लेकिन, चूंकि मछली एक मुख्य भोजन है, इसलिए मुझे कहना पड़ा कि चिंता मत करें, मैं खुद निगरानी कर रहा हूं..

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: July 15, 2018 17:06 IST
manohar parrikar- India TV Hindi
manohar parrikar

पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि उन्हें मछली को बचाने के लिए फार्मेलिन के इस्तेमाल को लेकर जारी विवाद में दखल देना पड़ा क्योंकि तटवर्ती राज्य के लोगों ने मछली खना बंद कर दिया है। पर्रिकर ने यहां सम्मेलन में पूछे गए सवाल पर कहा, "बीते रोज मैं चुप था। लेकिन, चूंकि मछली एक मुख्य भोजन है, इसलिए मुझे कहना पड़ा कि चिंता मत करें, मैं खुद निगरानी कर रहा हूं। मेरा मानना है कि इसकी जरूरत थी, क्योंकि लोगों ने मछली खाना बंद कर दिया। गोवा के लोग बिना मछली के कैसे रह सकते हैं।"

बीते सप्ताह मछली के एक कनसाइनमेंट पर छापे के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) अधिकारियों ने दावा किया था कि फार्मेल्डिहाइड का इस्तेमाल मछली को संरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया गया। फार्मेल्डिहाइड एक कीटाणुनाशक है जो शवों को सड़ने से बचाने में इस्तेमाल किया जाता है।

यह विवाद कृषि मंत्री विजय सरदेसाई के ट्वीट के बाद और बढ़ गया। इस ट्वीट में सरदेसाई ने कहा कि मछली उपयोग के लिए ठीक थी, जिसके बाद एफडीए ने एक बयान में कहा कि 'रसायन अनुमति की सीमा के भीतर' था।

इस विवाद के बाद मछली बाजार बीते कुछ दिनों से सूने हैं।

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