Saturday, April 20, 2024
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INX मीडिया केस: कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की CBI हिरासत की अवधि तीन दिन और बढ़ाई

दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में आज कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि तीन दिन के लिये और बढ़ा दी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 09, 2018 17:34 IST
Karti chidambaram- India TV Hindi
Karti chidambaram

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में आज कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि तीन दिन के लिये और बढ़ा दी। कार्ति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र हैं। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए कहा कि कार्ति की जमानत याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई होगी। इससे पहले, सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि पूरी होने पर आज उन्हें अदालत में पेश किया था। सीबीआई ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ नये‘‘ आपत्तिजनक सामग्री’’ का पता चला है। 

कार्ति चिदxबरम 28 फरवरी से सीबीआई हिरासत में हैं। सीबीआई ने उन्हें चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। अदालत में आज सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी न्यायिक हिरासत छह और दिन के लिये बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि मामले से संबद्ध एक सीडी बरामदहुई है, जिसे जांच के लिये सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी( सीएफएसएल) भेजने की आवश्यकता है। 

एएसजी ने कहा कि उनके खिलाफ नयी आपत्तिजनक सामग्री का पता चला है और उन्हें इनका जवाब देना होगा। हालांकि वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछताछ के लिये कार्ति की न्यायिक हिरासतअवधि बढ़ाने के अनुरोध का विरोध किया। सिंघवी कांग्रेस नेता भी हैं। सिंघवी ने कार्ति की ओर से कहा, ‘‘ मेरे( कार्ति के) लिये यह बहुत दुखद है। मेरी रिमांड के लिये उनके पास कोई नया कारण नहीं है। वे हर बार नया कारण ढूंढ रहे हैं। सीबीआई को हर दिन और हर मिनट रिमांड को सही ठहराना पड़ता है।’’ 

अपने वकील के जरिये कार्ति ने कहा कि यह10 साल पुराना मामला है और उनके पास सभी दस्तावेज हैं लेकिन फिर भी‘‘ सिर्फ मुझे उत्पीड़ित करने के लिये ही उन्हें मेरी न्यायिक हिरासत चाहिए।’’ कार्तिके मामले में सुनवाई शुरू करने से पहले अदालत ने उनके सीए एस भास्कररमण की न्यायिक हिरासत 22 मार्च तक बढ़ा दी। इस मामले में भास्कररमण को प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) ने गिरफ्तार किया था। 

जांच एजेंसी के आरोप का प्रतिवाद करते हुये कार्ति ने अपनी जमानत याचिका में यह दावा किया कि उन्होंने कभी भी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश नहीं की। इससे पहले, अदालत से उन्होंने सीबीआई पर यह आरोप लगाते हुए जमानत मांगी थी कि सीबीआई उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से केंद्र के इशारे पर काम कर रही है। पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड( एफआईपीबी) की मंजूरी मिली थी। 

कार्ति ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी‘‘ गैरकानूनी’’ है। हालांकि सीबीआई ने इस आधार पर उनकी जमानत याचिका का विरोध किया कि जांच अभी अहम चरण पर पहुंच गया है और समूचे आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले को उजागर करने के लिये उनसे पूछताछ जरूरी है। 

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