कानपुर: इंदौर पटना एक्सप्रेस रेल हादसे में दुर्घटना की शिकार हुई कोमल सिंह 12 घंटे तक मौत से लड़ने के बाद अंतत जिंदगी की जंग हार गई और दिल का दौरा पड़ने के चलते उसका निधन हो गया। कानपुर में रेल हादसे के दौरान कोमल के शरीर का एक हिस्सा बुरी तरह से ट्रेन में फंसा हुआ था। उसने अपने घर के लोगों से मोबाइल पर बात करते हुए कहा भी था कि उसका पांव फंसा हुआ है और उसे बहुत डर लग रहा है। वह 12 घंटे तक राहत कार्य में लगे लोगों से बातचीत करती रही लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। एनडीआरएफ की टीम ने उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास भी किया लेकिन जैसे ही उसे बाहर निकाला गया उसे दिल का दौरा पड़ा वह जिंदगी की जंग हार गई।
कोमल मूलरूप से बक्सर की रहने वाली थी
25 साल की कोमल ने झांसी से अपने घर जाने के लिए इंदौर पटना एक्सप्रेस को पकड़ा था। वह भोपाल में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। वह एस बी 3 कोच की सीट नंबर 30 पर हादसे के बाद लगातार लोगों से बातचीत करती रही लेकिन उसके शरीर का एक हिस्सा कुछ ऐसे फंसा हुआ था कि वह चाहकर भी हिल डुल नहीं पा रही थी।
ट्रेन से बाहर निकलने के कुछ देर बाद हुई मौत
कोमल का आधा शरीर ट्रेन की बोगी में फंसा था, वह लोगों से बचाव की गुहार लगाती रही, जिंदगी की जंग 12 घंटे तक लड़ती रही लेकिन अंतत: सांसो ने साथ छोड़ दिया। मोबाइल फोन से व्हाटसऐप के माध्यम से परिवार और रिश्तेदारों को बताई थी। आखिरी सांस तक वह अपने आपको बचाने का प्रयास करती रही,इस दौरान वह कई बार बेहोश भी हुई, एनडीआरफ की टीम ने उसे बचाने का प्रयास भी किया लेकिन 12 घंटे तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद उसकी हिम्मत जबाब दे गई।