नई दिल्ली: त्योहारों से पहले देश के तमाम बड़े शहरों में अलर्ट है। खतरा है आतंकवाद से जुड़ा एक नया नाम- लोन वुल्फ। ये एक ऐसा खतरा है जिसकी आहट को सुनना और पहचान करना बेहद मुश्किल है। इस तरह के अटैक में अचानक भीड़ में मौजूद एक अकेला शख्स कई लोगों की मौत सबब बन जाता है।
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दिल्ली को दहलाएगा लोन वुल्फ?
दिल्ली मुंबई और देश के बड़े शहर आतंकियों के रडार पर हैं और दिवाली की खुशियों को मातम में बदलने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आंतक की आहट से चौकन्नी पुलिस के लिए इसबार चुनौती थोड़ी अलग है। आतंकियों ने इसबार भारत को दहलाने के लिए बगदादी के आतंक मचाने के फॉर्मूले को अपनाने का प्लान किया है। आतंकियों के निशाने पर मॉल, मार्केट, मेट्रो और रेलवे स्टेशन हैं।
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खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में इस बार लोन वुल्फ अटैक का खतरा है। लोन वुल्फ यानी अकेला भेड़िया।
क्या है 'लोन वुल्फ अटैक' ?
- लोन वुल्फ अटैक भेड़िए की तरह अकेला हमला करने की रणनीति है।
- इस अटैक में छोटे हथियारों, चाकुओं, ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जाता है।
- लोन वुल्फ अटैक में कई बार एक छोटा ग्रुप भी दहशत मचाता है
- ये ग्रुप लीडर से जुड़े बिना हमला करते हैं।
- आईएसआईएस 'लोन वुल्फ अटैक' के जरिए कई लोगों को मौत के घाट उतार चुका है।
खतरा सिर्फ लश्कर और जैश से ही नहीं है। भारत में कई जगहों पर आईएस, समर्थकों के होने की पुष्टि हो चुकी है। हाल ही में तमिलनाडु और कर्नाटक में पकड़े गए आईएस संदिग्धों के पास से भी एनआईए ने धारदार हथियार बरामद किए थे ऐसे में शक है कि आईएस के आकाओं ने भारत में आईएस संदिग्धों को चाकू और धारदार हथियारों के जरिए हत्याएं करने का निर्देश दिया है।
देखिए वीडियो-
5 मिनट में पहुंचेंगे NSG कमांडो
खुफिया एजेंसियों की चेतावनी के बाद दिल्ली में सुरक्षा के जबरदस्त बंदोबस्त किए गए हैं। दिल्ली में 80 से ज्यादा संवेदनशील जगहों की पहचान की गई है। दिल्ली की सुरक्षा फुलप्रुफ करने के लिए सिर्फ दिल्ली पुलिस ही नहीं बल्कि एनएसजी की तैनाती भी की गई है। संवेदनशील जगहों की पहचान और सिक्योरिटी ऑडिट के बाद अहम जगहों के डिजिटल नक़्शे स्टैंडबाई में रखे गए हैं। नक्शे NSG की टीम के पास मौजूद हैं ताकि क्विक ऑपरेशन में कोई दिक्कत न हो। मुंबई में भी मुस्तैदी बढ़ा दी गई है रेलवे स्टेशनों के आसपास पुलिस का सख्त पहरा और चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है ।
मुंबई समंदर के रास्ते आंतकियों के आने का सबसे बड़ा खतरा
मुंबई समंदर के रास्ते आंतकियों के आने का सबसे बड़ा खतरा रहता है यही वजह है कि टूरिस्ट स्पॉट के साथ समंदर पर भी खास निगरानी रखी जा रही है। आतंकियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेना है इसलिए भीड़ भाड़ वाली जगहों पर खास चौकसी है।
75 फीसदी NSG कमांडो तैनात
सूत्रों के मुताबिक, 75 फीसदी एनएसजी कमांडो को देश के अलग-अलग शहरों में अहम जगहों पर तैनात किया गया है। अगर आतंकियों ने कहीं भी हमले की हिमाकत की तो उन्हें घेरकर खत्म कर दिया जाएगा।