नई दिल्ली: 26 मई को मोदी सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। एक साल में मोदी सरकार जनता के भरोसे पर खरा उतर पाई है या नहीं? सरकार के कामकाज को लेकर जनता के मिजाज को समझने के लिए इंडिया टीवी-सी-वोटर ने बड़ा सर्वे कराया।
मोदी के विदेशी दौरे पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने ढेरों सवाल उठाए लेकिन पिछले एक साल में नरेंद्र मोदी ने जिन 17 देशों की यात्रा की भारतीय समुदाय के लोगों के प्यार ने मोदी को उन देशों में हीरो बना दिया।
मोदी और विदेश दौरे: सरकार के एक साल पूरा करने पर इंडिया टीवी, सी-वोटर के सर्वे में जनता से सवाल पूछा गया कि क्या पीएम मोदी के विदेश दौरों से दुनिया में भारत का रुतबा बढ़ा है तो इस सवाल के जवाब में 78 फीसदी लोगों ने कहा कि रुतबा बढ़ा है। सर्वे में शामिल लोगों में से सिर्फ 22 फीसदी जनता ने ना में जवाब दिया।
पाकिस्तान से संबंध: मोदी के विदेशी दौरे के बाद अगला सवाल पाकिस्तान को लेकर सरकार की नीतियों से संबंधित था। इस सवाल के जवाब में 63 फीसदी लोगों ने कहा कि वो पाकिस्तान पर सरकार की नीतियों से संतुष्ट हैं। 37 फीसदी लोग ही सरकार की नीतियों से संतुष्ट नहीं दिखे।
पाक को जवाब: सर्वे में अगला सवाल पूछा गया कि क्या मोदी सरकार ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। 57 फीसदी जनता का ये मानना है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है और 43 फीसदी लोग ये मानते हैं कि मोदी सरकार पाकिस्तान को माकूल जवाब नहीं दे पाई है।
मोदी सरकार एक साल पहले 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे के साथ सत्ता में आई थी। पिछले एक साल में इस नारे का क्या हुआ? हालांकि पिछले एक साल में मोदी सरकार के मंत्रियों और बीजेपी सांसदों ने ही कई बार इस नारे की धज्जियां उड़ाई हैं। हालत ये हो गई कि खुद प्रधानमंत्री मोदी को सामने आकर सफाई तक देनी पड़ी।
इंडिया टीवी सी-वोटर के सर्वे में ये पूछा गया कि क्या बीजेपी नेताओं के बेतुके बयानों से मोदी सरकार की छवि खराब हो रही है, 78 फीसदी यानी तीन-चौथाई से ज्यादा लोगों ने कहा कि छवि खराब हो रही है, सिर्फ 22 फीसदी लोगों का जवाब ना में था।
अल्पसंख्यकों का भरोसा: हमने लोगों से पूछा कि क्या एक साल में मोदी सरकार पर अल्पसंख्यकों का भरोसा बढ़ा है? 64 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, एक साल में अल्पसंख्यकों का भरोसा बढ़ा है जबकि 36 फीसदी लोग ऐसे थे, जिनका मानना था कि अल्पसंख्यकों का भरोसा नहीं बढ़ा है। मोदी सरकार को लेकर अल्पसंख्यकों की राय के दो पहलू हैं। सरकार इस बात से खुश हो सकती है कि अल्पसंख्यक उसपर भरोसा करते हैं लेकिन भरोसा कायम रखने के लिए जहरीले बयानों को रोकना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है।
केंद्र में सरकार बनाने के बाद पिछले एक साल में बीजेपी ने कई राज्य भी फतह किए हैं, उनमें से एक है जम्मू कश्मीर जहां बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई।
इंडिया टीवी सी-वोटर सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार बनाकर बीजेपी ने गलती की, 47 प्रतिशत लोग गठबंधन सरकार को बीजेपी की गलती मानते हैं हालांकि 53 फीसदी लोग गठबंधन को सही मानते हैं।
अलगाववादियों पर नज़रिया: अगला सवाल अलगाववादियों पर बीजेपी-पीडीपी सरकार के रवैये को लेकर था कि क्या बीजेपी-पीडीपी सरकार अलगाववादियों पर नरम है। 34 फीसदी लोगों का कहना था कि बीजेपी और पीडीपी दोनों अलगाववाद पर सख्त हैं लेकिन 55 फीसदी लोगों की राय ये थी कि बीजेपी और पीडीपी का रुख अलगाववाद पर नरम है।