नयी दिल्ली: भारत व चीन ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों से उर्जा खरीदने, हाइस्पीड रेलवे के निर्माण व तटीय विनिर्माण क्षेत्रों के विकास में सहयोग करने पर सहमति जताई है। दुनिया की इन दो सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं ने अपनी वृद्धि को बल देने के लिए यह फैसला किया है। दोनों देशों के भारत चीन रणनीति आर्थिक संवाद में साझे लाभ वाली वृद्धि के लिए अनेक पहलों पर सहमति जताई गई। यह बैठक सात अक्तूबर को हुई थी जिसका ब्यौरा अब जारी किया गया है।
बैठक में भारतीय पक्ष की अगुवाई नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने की जबकि चीन की ओर से राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग के चेयरमैन शू शाओशी ने अपने दल का नेतृत्व किया। ब्यौरे के अनुसार दोनों पक्षों ने बढ़ती उर्जा मांग को पूरा करने के लिए उचित नीतिगत कदमों व प्रयासों के लिए संयुक्त रणनीति पर जोर दिया। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने अगले एक साल में बुनियादी ढांचे, आटोमोबाइल, उर्जा व इलेक्ट्रोनिक्स जैसे क्षेत्रों में परियोजनाओं को प्रोत्साहित करते हुए तटीय विमिर्नाण क्षेत्रों के विकास पर निकट सहयोग की नयी थीम अपनाने पर सहमति जताई।
ब्यौरे के अनुसार दोनों देशों में दिल्ली-नागपुर हाइस्पीड रेल परियोजना के व्यावहार्यता अध्ययन तथा तथा दिल्ली -चेन्नई हाइस्पीड रेलवे के निर्माण के काम को आगे बढाने पर सहमति जताई। चाइना साउथवेस्ट जियाओतोंग यूनिवर्सिटी तथा रेलवे मंत्रालय का प्रशिक्षण विभाग हाइस्पीड रेलवे के खेत्र में आठ प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करेगा। नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर दोनों देशों ने भारत में सोलर सेल: मोड्यूल विनिर्माण के विनिर्माण को बल देने पर सहमति जताई है।