Friday, April 26, 2024
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‘‘सम्मानजनक’’ सीटें मिलने पर ही बसपा का किसी पार्टी के साथ गठबंधन संभव: मायावती

पार्टी किसी भी राज्य में और किसी भी चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ केवल ‘‘सम्मानजनक’’ सीटें मिलने पर ही वहाँ उस पार्टी के साथ कोई चुनावी गठबन्धन-समझौता करेगी अन्यथा हमारी पार्टी अकेली ही चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर समझती है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 26, 2018 20:39 IST
बसपा सुप्रीमो मायावती...- India TV Hindi
Image Source : PTI बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि पार्टी किसी भी राज्य में और किसी भी चुनाव में किसी पार्टी के साथ केवल ‘‘सम्मानजनक’’ सीटें मिलने पर ही कोई चुनावी गठबन्धन-समझौता करेगी। बसपा अध्यक्ष लखनऊ में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आज आयोजित पार्टी की अखिल भारतीय बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि पार्टी किसी भी राज्य में और किसी भी चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ केवल ‘‘सम्मानजनक’’ सीटें मिलने पर ही वहाँ उस पार्टी के साथ कोई चुनावी गठबन्धन-समझौता करेगी अन्यथा हमारी पार्टी अकेली ही चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर समझती है। 

उन्होंने कहा,‘‘ हालांकि इस मामले में हमारी पार्टी की उत्तर प्रदेश सहित कई और राज्यों में भी गठबन्धन करके चुनाव लड़ने की बातचीत चल रही है, लेकिन फिर भी आप लोगों को हर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिये अपने-अपने प्रदेश में पार्टी के संगठन को हर स्तर पर तैयार करना है।' मायावती ने कहा,‘‘' अभी मैं अगले लगभग 20-22 वर्षों तक खुद ही आगे और सक्रिय रहकर पार्टी की गतिविधियों को आगे बढ़ाती रहूँगी और अब ऐसे में अगले लगभग 20-22 वर्षों तक पार्टी में किसी को भी पार्टी का मुखिया बनने का सपना नहीं देखना चाहिये और न ही किसी को अभी मेरा उत्तराधिकारी बनने का भी सपना देखना चाहिये।'' 

उन्होंने कहा,‘‘ मैं पार्टी कार्यकर्ताओ का ध्यान जल्द ही लोकसभा के होने वाले आम चुनाव की तरफ तथा इससे पहले देश के कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तरफ भी दिलाना चाहती हूँ। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने के मामले में भाजपा की किरकिरी होने की वजह से अब यह पार्टी समय से पहले भी लोकसभा के आम चुनाव करा सकती है।’’' मायावती ने अपनी पार्टी के संविधान में कुछ जरूरी फैसले लिये जाने की जानकारी देते हुए बताया,‘‘ मुझे खुद को भी मिलाकर तथा मेरे बाद अब आगे भी बसपा का जो भी ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’’ बनाया जायेगा तो फिर उसके जीते-जी व ना रहने के बाद भी उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी स्तर के पद पर नहीं रखा जायेगा अर्थात उनके परिवार के सदस्य बिना किसी पद पर बने रहकर और एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में ही केवल अपनी निःस्वार्थ भावना के साथ ही पार्टी में कार्य कर सकते है।'' 

उन्होंने कहा कि ''इसके अलावा उनके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को ना कोई चुनाव लड़ाया जायेगा तथा ना ही उसे कोई राज्यसभा सांसद, एम.एल.सी.और मंत्री आदि भी बनाया जायेगा और ना ही उसे अन्य किसी भी राजनैतिक उच्च पद पर रखा जायेगा। लेकिन पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को छोड़कर बाकी अन्य सभी स्तर के पदाधिकारियों के परिवार के लोगों पर ’’विशेष परिस्थितियों में’’ यह सब शर्तें लागू नहीं होगी।'' 

मायावती ने आज पार्टी संगठन में कुछ परिवर्तन भी किये। पार्टी में पहली बार ’नेशनल कोआर्डिनेटर’ की नियुक्ति की गयी है । पहले चरण में दो नेशनल कोआर्डिनेटर वीर सिंह एडवोकेट व जयप्रकाश सिंह को नियु​क्त किया गया है ।उत्तर प्रदेश में आर.एस.कुशवाहा पार्टी के नये अध्यक्ष नियुक्त किये गये। निवर्तमान अध्यक्ष राम अचल राजभर को राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी तथा तीन राज्यों के कोओडिनेटर भी बनाया गया है । लालजी वर्मा छत्तीसगढ़ के कोआर्डिनेटर, अशोक सिद्धार्थ को दक्षिण भारत के तीन राज्यों का कोआर्डिनेटर नियुक्त किया गया है 

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