Friday, April 19, 2024
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सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में हो लोया की मौत की जांच : याचिकाकर्ता

जस्टिस बी.एच. लोया की मौत के मामले में एक याचिकाकर्ता ने गुरुवार को कहा कि जज की मौत जिन परिस्थितियों में हुई उनसे गंभीर संदेह पैदा होता है

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 08, 2018 23:49 IST
Supreme court- India TV Hindi
Supreme court

नई दिल्ली: जस्टिस बी.एच. लोया की मौत के मामले में एक याचिकाकर्ता ने गुरुवार को कहा कि जज की मौत जिन परिस्थितियों में हुई उनसे गंभीर संदेह पैदा होता है, लिहाजा शीर्ष अदालत को मामले की जांच अदालत की देख-रेख में स्वतंत्र रूप से करवानी चाहिए। बंबई अधिवक्ता संघ के वकील दुष्यंत दवे ने कारवां मैगजीन की नवंबर 2017 की एक रिपोर्ट के बाद महाराष्ट्र सरकार की ओर से जल्दबाजी में और लापरवाही से तैयार की गई रिपोर्ट का जिक्र करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि रिपोर्ट की संदेहास्पद पहलुओं को दर्शाने के लिए मजबूत परिस्थितियां हैं। 

वरिष्ठ अधिवक्ता दवे ने जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ समेत प्रधान न्यायाधीश की पीठ को बताया कि रिपोर्ट 'पूर्व कल्पित' व 'पूर्व निर्धारित' थी। उन्होंने खेद जाहिर करते हुए कहा कि न्यायपालिका 'अनजाने में' इसमें शामिल हो गई। अदालत तहसीन पूनावाला, बंबई अधिवक्ता संघ, महाराष्ट्र के पत्रकार बंधुराज संभाजी लोन और अन्य की ओर से न्यायाधीश लोया की मौत की स्वतंत्र जांच करवाने की मांग करते हुए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। 

जज लोया सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह आरोपी थे। बाद में शाह को मामले में बरी कर दिया गया। लोया की मौत की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। 

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