Thursday, April 25, 2024
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नीरव, माल्या जैसों के कारण डूब रहा आम इंसान, हर भारतीय को चुकाना होगा 6 हजार का कर्ज

खबर के मुताबिक 8.29 लाख करोड़ रुपये कर्ज की वो रकम है, जिसके वापस मिलने की संभावना शून्य के बराबर है। जितना पैसा बैंकों का डूबा है अगर उसकी भरपाई आम जनता से कराई जाती है तो देश के हर नागरिक को लगभग 6,233 रुपये चुकाने होंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 24, 2018 11:57 IST
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नीरव, माल्या जैसों के कारण डूब रहा आम इंसान, हर भारतीय को चुकाना होगा 6 हजार का कर्ज

नई दिल्ली: नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भारतीय कारोबारियों द्वारा बिजनेस का विस्तार करने के बहाने लोन लेने और फिर विदेश फरार हो जाने के कारण देश के बैंकों की हालात दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। बैंक सरकार के सामने इन डिफ्लटर्स को देश वापस लाने के लिए सिर्फ गुहार लगा रही है, पर वर्तमान में जो बैंकों के हालात है उसका नुकसान देश की आम जनता को हो रहा है। लोन डिफ्लॉर्ट्स के कारण सितंबर 2017 तक भारतीय बैंकों ने नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) या डूबत खातों ने 8.29 लाख करोड़ का आंकड़ा पार लिया है।

खबर के मुताबिक 8.29 लाख करोड़ रुपये कर्ज की वो रकम है, जिसके वापस मिलने की संभावना शून्य के बराबर है। जितना पैसा बैंकों का डूबा है अगर उसकी भरपाई आम जनता से कराई जाती है तो देश के हर नागरिक को लगभग 6,233 रुपये चुकाने होंगे। वर्ष 2017 के रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय उद्योगों पर 28.92 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह कर्ज पूरे कर्ज का महज 37 प्रतिशत ही है।

उद्दोगों के कारण बैंकों की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है। बैंकों से कारोबार के नाम पर लोन लेकर घोटाला कर विदेश के बैंकों में पैसा जमा करने के बाद देश छोड़कर भाग रहे धन्ना सेठ देश को कंगाली की कगार पर ले जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उद्योगपतियों के मुकाबले पर्सनल लोन ज्यादा बेहतर तरीके से चुकाए जा रहे हैं। आमदनी और वसूली के लिए यह बैंकों के पास काफी सरल रास्ता है।

क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट का कहना है कि वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में कुल कर्ज में उद्योग की हिस्सेदारी 41 फीसदी थी, अब यह घटकर 37 फीसदी ही रह गई है। कर्ज लौटने के नाम पर उद्योगपतियों की मनमानी और बाद में दिवालिया घोषित होने के कारण बैंक इन्हें पैसा देने से बच रहे हैं और आम आदमी को लोन देकर आपना पैसा सही समय पर वसूल करने का रूख कर रहे हैं।

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