देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में विष्णुप्रयाग के पास हाथी पहाड़ से हुए भूस्खलन के कारण कल से बाधित ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 24 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद आज शाम फिर से यातायात के लिये खुल गया।
चमोली जिले के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि पहाड़ से गिरे मलबे की सफाई काम युद्धस्तर पर रात-दिन चलाया गया और 24 घंटे बाद राजमार्ग एक बार फिर खोल दिया गया। कल दोपहर करीब 3 बजे अचानक हाथी पहाड़ की चोटी से चट्टानें खिसकने और बड़े-बड़े पत्थर नीचे खिसकने का सिलसिला शुरू हुआ था जिसने सड़क के 75 मीटर हिस्से को मलबे से पाट दिया था।
मलबा आने के कारण राजमार्ग बाधित होने के बाद जिला प्रशासन ने दोनों तरफ मौजूद करीब डेढ़ हजार से दो हजार तीर्थयात्रियों को बदरीनाथ, विष्णुप्रयाग, गोविंदघाट सहित विभिन्न स्थानों पर रोक लिया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा सचिव अमित नेगी को स्थिति की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिये थे।
इससे पहले, कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया था कि सभी तीर्थयात्री सुरक्षित हैं। यहां संवाददाताओं से कौशिक ने बताया कि भूस्खलन के कारण प्रभावित हुए सभी श्रद्वालुओं का बदरीनाथ, गोविंदघाट, विष्णुप्रयाग तथा अन्य स्थानों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, गोविंदघाट स्थित गुरूद्वारा प्रबंधक समिति तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से उनके खाने और ठहरने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा राजमार्ग पर जमा मलबे को साथ करने के लिये तीन पोकलैंड मशीन, एक अर्थमूवर मशीन और एक एयर कम्प्रेसर को लगाया गया है। इस अभियान को रात में भी जारी रखने के लिये जिला प्रशासन द्वारा तीन इनफ्लेटेबल लाइट टावर भी लगाये गये।