Friday, April 19, 2024
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, अयोध्या में राम मंदिर बनाने की तैयारी पूरे जोर-शोर से जारी

अयोध्या की कार्यशाला में 1990 से ही राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम चल रहा है। फिलहाल राजस्थान से लाये गए इन पत्थरों को गुजरात के कारीगर तराश रहे हैं। रामजन्मभूमि न्यास के मुताबिक राम मंदिर के गर्भगृह, सिंह द्वार और रंगमंडप के पत्त्थर तराशे जा च

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 08, 2018 14:06 IST
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, अयोध्या में राम मंदिर बनाने की तैयारी पूरे जोर-शोर से जारी

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत में आज से राम मंदिर मुद्दे पर आखिरी सुनवाई शुरू हो रही है लेकिन अयोध्या में इससे पहले ही राम मंदिर बनाने की तैयारी पूरे जोर-शोर से जारी है। अयोध्या के कारसेवकपुरम की कार्यशाला में मंदिर के लिए पत्थर तराशे जाने का काम तेज है। दावा तो ये किया जा रहा है कि प्रस्तावित मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है। बता दें कि सियासी तनातनी के बीच आज से सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर पर सुनवाई शुरू हो रही है।

वहीं अयोध्या की कार्यशाला में 1990 से ही राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम चल रहा है। फिलहाल राजस्थान से लाये गए इन पत्थरों को गुजरात के कारीगर तराश रहे हैं। रामजन्मभूमि न्यास के मुताबिक राम मंदिर के गर्भगृह, सिंह द्वार और रंगमंडप के पत्त्थर तराशे जा चुके है। भव्य मन्दिर के लिये 108 पिलर भी तैयार हैं।

कार्यशाला में प्रस्तावित राम मंदिर का एक भव्य मॉडल भी तैयार किया गया है। भविष्य में राम मंदिर बना तो ये कैसा होगा इसका अंदाजा उस मॉडल को देखकर लगाया जा सकता है। इसी मॉडल के मुताबिक पत्थर तराशे जा रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि प्रस्तावित मन्दिर का 65 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और बाकी बचा काम भी जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा।

राम मंदिर दो मंज़िल का बनेगा जो नीचे नीचे एक प्लेटफॉर्म पर टिका होगा। मंदिर की लम्बाई 268 फिट, चौड़ाई 140 फिट और ऊंचाई 128 फिट होगी। मंदिर में कुल 212 खम्भे होंगे जिसमें पहली और दूसरी मंज़िल में 106-106 खम्भे होंगे। हर पिलर पर 16 मूर्तियां तराशी जाएंगी। मंदिर में 8 और 10 चौड़े दो चबूतरे होंगे जो परिक्रमा का मार्ग होगा।

राम मंदिर बनाने के लिये अब तक 1 लाख 25 हज़ार स्क्वायर फीट पत्थर अयोध्या आ चुका है और इस मॉडल के हिसाब से राम मंदिर बनाने के लिये अभी और 75000 स्क्वायर फीट पत्थर की ज़रूरत है। सुप्रीम कोर्ट में आज से अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू हो रही है तो राम भक्तों को अयोध्या में राम मंदिर बनने की उम्मीद भी बढ़ गई है, विवादित ज़मीन पर पूजा करने वाले मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास को भी इंतज़ार है राम मंदिर का। अयोध्या में राम मंदिर भले ही न बना हो लेकिन रोज़ बड़ी संख्या में श्रद्धालु मन्दिर के मॉडल और तराशे जा रहे पत्थरों को देखने पहुंच रहे हैं।

राम मंदिर के लिये इस कार्यशाला में 1990 से पत्त्थर आ रहे हैं लेकिन अखिलेश सरकार ने पत्थर लाने पर रोक लगा दी थी लेकिन प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद एक बार फिर से ये कार्यशाला गुलजार हो गई है। अब सबको अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।

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