Friday, March 29, 2024
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आरुषि हत्याकांड: 2008 से अब तक कब क्या हुआ? जानिए कत्ल की 'काली रात' की कहानी

ये अनूठा केस बन गया था। पता ही नहीं चल रहा था कि आरुषि और हेमराज का मर्डर किसने किया और उससे भी बड़ा सवाल की मर्डर क्यों हुआ।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 12, 2017 16:19 IST
aarushi murder case- India TV Hindi
aarushi murder case

नोएडा: देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री पर आज फैसला आ गया है। नोएडा के आरुषि-हेमराज मर्डर केस में 9 साल 4 महीने और 26 दिन बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाया है। पूरे देश को चौंकाने वाली मर्डर मिस्ट्री में हाईकोर्ट ने आरुषि के मम्मी-पापा नूपुर और राजेश तलवार को बरी कर दिया है। फैसला सुनकर जेल में राजेश और नूपुर तलवार रो पड़े और दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया। बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को 2013 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से वो गाजियाबाद के डासना जेल में बंद थे। उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी।

इस केस के दांव पेंचों ने पहले पुलिस को छकाया फिर सीबीआई को इतना मजबूर कर दिया कि वो बिना किसी ठोस नतीजे के अदालत के सामने पहुंच गई। अदालती कार्यवाही के दौरान जो कुछ हुआ वो इस देश में केवल कुछ ही केसों में हुआ है और ये अनूठा केस बन गया था...पता ही नहीं चल रहा था कि आरुषि और हेमराज का मर्डर किसने किया और उससे भी बड़ा सवाल की मर्डर क्यों हुआ।

nupur talwar

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आरुषि-हेमराज हत्याकांड की पूरी कहानी

16 मई 2008 की सुबह करीब साढ़े 6 बजे नोएडा सेक्टर 20 थाने में डॉक्टर राजेश तलवार ने फ़ोन कर जानकारी दी कि उनकी 14 साल की बेटी का घर मे कत्ल हो गया है, मामला नोएडा के पॉश इलाके का था लिहाज़ा पुलिस फौरन मौके पर पहुंची।

मेड के सामने रोने लगे राजेश और नूपुर तलवार

जलवायु विहार के फ्लैट नंबर एल 32 में आरुषि का शव उसके कमरे में बेड पर चादर में लिपटा पड़ा था। सुबह जब घर की मेड ने घंटी बजाई तो दरवाज़ा नहीं खुला फिर नपुर तलवार ने अंदर का दरवाज़ा खोला। इस बीच राजेश भी आ गए और चाबी नीचे फेंकी गई। मेड भारती बाहर से दरवाज़ा खोलकर अंदर आई। जैसे ही मेड अंदर पहुंची राजेश और नुपुर तलवार रोने लगे और भारती से कहने लगे कि देखो हेमराज क्या करके गया है।

talwar couple

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इस तरह कहानी ने लिया नया मोड़

पुलिस को भी हेमराज पर शक हुआ लेकिन वो मिला नहीं...इस बीच आरुषी की अस्थियां लेकर तलवार दंपत्ति 17 मई को हरिद्वार चले गये...अब कहानी ने एक नया मोड़ लिया।

17 मई की सुबह नोएडा के पूर्व पुलिस अफसर के के गौतम ने पुलिस को बताया कि तलवार के फ्लैट की छत पर एक डेड बॉडी पड़ी है। पुलिस ने बॉडी के बारे में पूछताछ की तो राजेश तलवार के भाई हेमराज की शिनाख्त नहीं कर सके। आखिरकार शाम को राजेश तलवार ने डेड बॉ़डी की पहचान हेमराज के तौर पर की। अब शक की सूई राजेश तलवार और नुपुर तलवार पर घूम गई....

aarushi murder case

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कैसे उलटी पड़ गई नोएडा पुलिस की थ्योरी?

23 मई 2008 को नोएडा पुलिस ने राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया लेकिन उनकी थ्योरी उलटी पड़ गई और 31 मई 2008 को केस सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने राजेश तलवार के कंपाउंडर को गिरफ्तार किया उसके बाद दो और गिरफ्तारियां भी की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मजबूरी में सीबीआई ने जांच टीम बदली और दूसरी टीम ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते बताया था कि जो सबूत मिले हैं, वो इसी तरफ इशारा करते हैं कि राजेश और नुपुर तलवार ने ही अपनी बेटी आरुषि और हेमराज का मर्डर किया।

आखिरकार सीबीआई की विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज करने को कहा जिसके बाद चली लंबी सुनवाई में राजेश और नुपर तलवार को मर्डर का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सज़ा सुना दी। लोवर कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ तलवार ने हाईकोर्ट में अपील की जिस पर आज फैसला आया है।

hemraj

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आरुषि केस में कब क्या ?

16 मई 2008  - नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट नंबर L-32 में आरूषि मृत पाई गई

17 मई 2008 -  शुरूआती शक नौकर हेमराज पर, हेमराज का शव भी फ्लैट की छत पर मिला

23 मई 2008 - आरूषि के पिता डॉ.राजेश तलवार डबल मर्डर के आरोप में गिरफ्तार

31 मई 2008 - तत्‍कालीन मायावती सरकार ने केस सीबीआई को ट्रांसफर किया

12 जुलाई 2008 -  सबूत के अभाव में डॉ. राजेश तलवार को जमानत दी गई

29 दिसंबर 2010 - सबूत के अभाव में सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की

9 फरवरी 2011 - क्लोजर रिपोर्ट खारिज, कोर्ट ने तलवार दंपत्ति पर केस चलाने को कहा

14 मार्च 2012 -  सीबीआई ने राजेश तलवार की जमानत खारिज करने की अपील की

30 अप्रैल 2012 - सीबीआई ने आरूषि की मां डॉ. नूपुर तलवार को गिरफ्तार किया

3 मई 2012 - सेशन कोर्ट से डॉ. नूपुर तलवार की जमानत याचिका खारिज

25 सितंबर 2012 - नूपुर तलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जमानत दी गई

18 अक्टूबर 2013 - कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि तलवार दंपत्ति ने जांच को गुमराह किया

25 नवंबर 2013 - कोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को डबल मर्डर का दोषी करार दिया

26 नवंबर 2013 - राजेश और नूपुर तलवार को उम्रकैद की सज़ा, दोनों डासना जेल में बंद

12 अक्टूबर 2017- इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला, राजेश और नूपुर तलवार बरी

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