Friday, April 19, 2024
Advertisement

26/11 मुंबई अटैक: 9 साल पहले आज ही के दिन दहल गई थी मुंबई

आज से ठीक नौ साल पहले 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में ऐसा आतंकी हमला हुआ था जिसे आज भी याद करके रुह कांप जाती है. आज ही के दिन इंसानियत के 10 दुश्मनों ने मुंबई में ख़ून की होली खेली थी.

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Published on: November 26, 2017 9:38 IST
Mumbai Attack, 2611- India TV Hindi
Mumbai Attack, 2611

आज से ठीक नौ साल पहले 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में ऐसा आतंकी हमला हुआ था जिसे आज भी याद करके रुह कांप जाती है. आज ही के दिन इंसानियत के 10 दुश्मनों ने मुंबई में ख़ून की होली खेली थी. इतिहास में खून से रंगे इस अध्याय की आज 9वीं बरसी है.

ग़ौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 की रात करीब 9.50 बजे ख़ूनी खेल शुरु हुआ था जिसमें कुल 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज़्यादा घायल हुए थे. हमले में मुंबई के प्रमुख रेलवे स्टेशन सीएसएमटी सहित, ताज होटल, होटल ट्राइडेंट, लियोपोल्ड कैफे एवं नरीमन हाउस सहित सड़क पर चलते कुछ वाहनों को भी निशाना बनाया गया था. चार दिन चले इस हमले के दौरान पुलिस मुठभेड़ में पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए 10 में से नौ आतंकी मारे गए थे. जवाबी कार्रवाई में मुंबई पुलिस के तीन जांबाज़ अधिकारियों सहित कई जवान भी शहीद हो गए थे. 

पीड़ितों के ज़हन में आज भी ताज़ा है हमला

हमले को याद करते हुए सीएसटी स्टेशन के बाहर चाय बेचने वाले मोहम्मद तौसीफ (छोटू) बताते हैं, 'जब भी मैं उस लम्हे (26/11 हमला) के बारे में सोचता हूं तो अभी भी कांप जाता हूं. मैंने कई घायल लोगों का बचाया था, हालात भयंकर थे. मैं उस दिन का इंतज़ार कर रहा हूं जब पाकिस्तान में बैठे इस हमले का मास्टरमाइंड पकड़ा जाएगा.'

26/11 के हमले की पीड़िता देविका के पिता बताते हैं, 'मेरी बेटी उस समय 9 साल की थी. उसे गोली मार दी गई थी जो बहुत ही दर्दनाक था. हां हम ख़ुश हैं कि कसाब को फांसी दी गई थी, लेकिन जब तक पाकिस्तान में बैठे असली मास्टरमाइंड को सज़ा नहीं मिलती तब तक हमें इत्मीनान नहीं होगा.'

इसी हमले में अपने 6 रिश्तेदारों को खोने वाले रहीम अंसारी बताते हैं, 'घटना के बाद मैं डिप्रैसन में चला गया था, मेरे रिश्तेदारों के पास बचने का कोई मौका नहीं था. खुशी है कि अपराधियों को या तो मार दिया गया या दंडित किया जा चुका है. हाफिज सईद पाकिस्तान में है, बेहतर होता यदि भारत सरकार उन्हें यहां लाती है और उन्हें सजा देती.'

26/11 हमले की गवाह रही देविका बताती है, 'जब मैंने कसाब को कोर्ट रूम में देखा, तो मैं गुस्से से लाल थी. मैं सोच रही थी कि काश मेरे हाथ में बंदूक होती तो मैं उसे वहीं गोली मार देती. लेकिन कसाब तो एक चेहरा था, उम्मीद है कि इस हमले में शामिल बड़े आतंकी एक दिन गिरफ्त में होंगे.'

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement