Friday, April 19, 2024
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Good News: चंडीगढ़ के 'लंगर बाबा', भूखों का पेट भरने के लिए लुटा दी सारी दौलत

'लंगर बाबा' के नाम से जाना जाने वाला 80 साल का यह यह फरिश्ता चंडीगढ़ में पिछले 17 सालों से गरीबों का पेट मुफ्त में भर रहा है...

IndiaTV Hindi Desk Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 11, 2017 23:25 IST
'Langar Baba' Jagdish Lal Ahuja- India TV Hindi
'Langar Baba' Jagdish Lal Ahuja

चंडीगढ़: 80 साल के जगदीश लाल आहूजा ने भूखों का पेट भरने के लिए वे काम किए हैं जिनके बारे में आम इंसान सोच नहीं सकता। इस शख्स ने भूखे लोगों का पेट भरने के लिए अपनी जिंदगी भर की कमाई खर्च कर दी। कोई भूखा न रहे यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी तमाम प्रॉपर्टी बेच दी। मकसद सिर्फ एक था, कोई भी गरीब भूखे पेट न सोए। 'लंगर बाबा' के नाम से जाना जाने वाला यह फरिश्ता चंडीगढ़ में पिछले 17 सालों से गरीबों का पेट मुफ्त में भर रहा है।

जगदीश लाल आहूजा का जन्म आज से 80 साल पहले पेशावर में हुआ था, जो आज पाकिस्तान में है। 1947 में देश के बंटवारे के चलते जब वह पटियाला आए उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 12 साल थी। जिंदा रहने के लिए कुछ करना जरूरी था, तो उन्होंने उस छोटी सी उम्र में टॉफियां बेचकर अपना गुजर-बशर किया। 1956 में जब वह चंडीगढ़ आए, तो उनके जेब में सिर्फ कुछ ही रुपये थे। यहां उनका केले का कारोबार खूब फला-फूला और पैसे की कोई कमी न रही। जगदीश आहूजा ने जबसे लंगर शुरू किया तबसे उनके सामने कई बार आर्थिक परेशानियां आईं, लेकिन लंगर नहीं रूका। लंगर चलता रहे, इसके लिए उन्होंने मेहनत से जुटाई अपनी संपत्तियों को एक-एक कर बेच दिया।

आज इस 'लंगर बाबा' की वजह से रोजाना लगभग 2 हजार लोग अपना पेट भरते हैं। जगदीश ने कसम खाई है कि जबतक वह जिंदा रहेंगे, तबतक उनका लंगर चलता रहेगा और भूखों का पेट भरता रहेगा। वह सिर्फ लंगर ही नहीं चलाते, बल्कि समय-समय पर गरीबों में कंबल, स्वेटर, जूते और मोजे भी बांटते रहते हैं। 'लंगर बाबा' की दरियादिली और उनकी कहानी के बारे में जानने के लिए देखें यह 'गुड न्यूज' वीडियो...

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