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नहीं रहीं सुलभा देशपांडे, जानिए उनके यादगार सफ़र के बारे में

India TV Entertainment Desk India TV Entertainment Desk
Updated on: June 05, 2016 14:32 IST
  • हिन्दी सिनेमा जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री और रंगमंच की अदाकारा सुलभा देशपांडे का शनिवार को निधन हो गया। फैमिली सोर्सेज के मुताबिक वह लंबे समय से बीमार थीं। उन्हें कैंसर की बीमारी थी। उनका निधन मुंबई स्थित उनके आवास पर शनिवार 4 जून को हुआ।
    हिन्दी सिनेमा जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री और रंगमंच की अदाकारा सुलभा देशपांडे का शनिवार को निधन हो गया। फैमिली सोर्सेज के मुताबिक वह लंबे समय से बीमार थीं। उन्हें कैंसर की बीमारी थी। उनका निधन मुंबई स्थित उनके आवास पर शनिवार 4 जून को हुआ।
  • जिस प्रकार हमारे फ़िल्म जगत को शबाना और स्मिता पाटिल जैसी अभिनेत्रियों की जरुरत है ठीक उसी तरह सुलभा देशपांडे जैसी अदाकाराओं के बिना पूरा भारतीय सिनेमा अधूरा है।
    जिस प्रकार हमारे फ़िल्म जगत को शबाना और स्मिता पाटिल जैसी अभिनेत्रियों की जरुरत है ठीक उसी तरह सुलभा देशपांडे जैसी अदाकाराओं के बिना पूरा भारतीय सिनेमा अधूरा है।
  • सुलभा देशपांडे का जन्म 1937 में मुंबई में हुआ था। करियर की शुरुआत इन्होंने दबीलदास हाईस्कूल में एक टीचर के तौर पर शुरू की थी।
    सुलभा देशपांडे का जन्म 1937 में मुंबई में हुआ था। करियर की शुरुआत इन्होंने दबीलदास हाईस्कूल में एक टीचर के तौर पर शुरू की थी।
  • 1977 में श्याम बेनेगल की फिल्म 'भूमिका' से इन्होंने बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा। धीरे-धीरे इन्हें पहचान मिलने लगी और इसके बाद इन्होंने 'अरविंद देसाई की अजीब दास्तां' (1978) और 'गमन' (1978) में भी काम किया।
    1977 में श्याम बेनेगल की फिल्म 'भूमिका' से इन्होंने बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा। धीरे-धीरे इन्हें पहचान मिलने लगी और इसके बाद इन्होंने 'अरविंद देसाई की अजीब दास्तां' (1978) और 'गमन' (1978) में भी काम किया।
  • सुलभा जी ने कई फ़िल्मों में काम किया है इनमें तमन्ना, विरासत, याराना, खून भरी मांग और इंग्लिश विंग्लिश जैसी कई सफल फिल्मों के नाम शामिल हैं।
    सुलभा जी ने कई फ़िल्मों में काम किया है इनमें तमन्ना, विरासत, याराना, खून भरी मांग और इंग्लिश विंग्लिश जैसी कई सफल फिल्मों के नाम शामिल हैं।
  • देशपांडे 1971 में बने थियेटर ग्रुप 'अविष्कार' की को-फाउंडर भी थीं। इन्होंने अपने हसबैंड अरविंद देशपांडे के साथ यह ग्रुप बनाया था। 'अविष्कार' में बच्चों के लिए एक सेक्शन 'चंद्रशाला' भी था।
    देशपांडे 1971 में बने थियेटर ग्रुप 'अविष्कार' की को-फाउंडर भी थीं। इन्होंने अपने हसबैंड अरविंद देशपांडे के साथ यह ग्रुप बनाया था। 'अविष्कार' में बच्चों के लिए एक सेक्शन 'चंद्रशाला' भी था।
  • इस ग्रुप के जरिए देशपांडे ने सेंट्रल मुंबई के एक स्कूल में राइटिंग और एक्टिंग के लिए एक बड़ा मंच प्रोवाइड कराया था।
उसके बाद अरविंद देशपांडे की 1987 में डेथ हो गई थी।
    इस ग्रुप के जरिए देशपांडे ने सेंट्रल मुंबई के एक स्कूल में राइटिंग और एक्टिंग के लिए एक बड़ा मंच प्रोवाइड कराया था। उसके बाद अरविंद देशपांडे की 1987 में डेथ हो गई थी।
  • मराठी फिल्मों में इनकी चौकट राजा (1991), जैत रे जैत (1977) प्रमुख है।देशपांडे जाने-माने मराठी एक्सपेरिमेंटल थियेटर 'रंगायन' से जुड़ी थीं। इन्होंने इस थियेटर में विजय तेंडुलकर, विजय मेहता, डॉ. श्रीराम लागू और सत्यदेव दुबे के साथ काम किया।
    मराठी फिल्मों में इनकी चौकट राजा (1991), जैत रे जैत (1977) प्रमुख है।देशपांडे जाने-माने मराठी एक्सपेरिमेंटल थियेटर 'रंगायन' से जुड़ी थीं। इन्होंने इस थियेटर में विजय तेंडुलकर, विजय मेहता, डॉ. श्रीराम लागू और सत्यदेव दुबे के साथ काम किया।
  • वो आख़िरी तक अपने इस काम में मग्न रहीं। वो अपने काम के लिए बेहद समर्पित और अनुशासित थी। अपने काम से शुरू से ही उन्हें लगाव रहा।
    वो आख़िरी तक अपने इस काम में मग्न रहीं। वो अपने काम के लिए बेहद समर्पित और अनुशासित थी। अपने काम से शुरू से ही उन्हें लगाव रहा।
  •  1967 में देशपांडे ने विजय तेंडुलकर के नाटक 'शांतता! कोर्ट चालू आहे' में यादगार भूमिका निभाई थी और इससे वह काफी चर्चित भी हुईं थीं। इस नाटक में लीना बेनारे के रूप में देशपांडे का रोल बहुत चर्चित हुआ था। 1971 में इस पर बनी फिल्म में भी देशपांडे ने काम किया।
    1967 में देशपांडे ने विजय तेंडुलकर के नाटक 'शांतता! कोर्ट चालू आहे' में यादगार भूमिका निभाई थी और इससे वह काफी चर्चित भी हुईं थीं। इस नाटक में लीना बेनारे के रूप में देशपांडे का रोल बहुत चर्चित हुआ था। 1971 में इस पर बनी फिल्म में भी देशपांडे ने काम किया।
  • लंबे समय तक सिनेमा जगत में अपनी भूमिका निभाने के बाद 79 साल की उम्र में इस दुनिया से अलविदा लेकर चलीं गईं सुलभा ताई।
    लंबे समय तक सिनेमा जगत में अपनी भूमिका निभाने के बाद 79 साल की उम्र में इस दुनिया से अलविदा लेकर चलीं गईं सुलभा ताई।