Tuesday, April 16, 2024
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परमाणु फिल्म रिव्यू 2.5/5: जॉन अब्राहम की फिल्म देखने से पहले पढ़े ये रिव्यू

Parmanu: The Story of Pokhran movie review: जॉन अब्राहम के अभिनय से सजी फिल्म 'परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म देखने जा रहे हैं तो पहले पढ़ें ये रिव्यू।

IndiaTv Entertainment Desk IndiaTv Entertainment Desk
Published on: May 25, 2018 15:32 IST
Parmanu

Parmanu

  • फिल्म रिव्यू: परमाणु
  • स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
  • पर्दे पर: May 25, 2018
  • डायरेक्टर: अभिषेक शर्मा
  • शैली: ऐतिहासिक एक्शन ड्रामा फिल्म

बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम के अभिनय से सजी और फिल्मकार अभिषेक शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म 'परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण' लंबे वक्त तक सुर्खियों में रहने के बाद आखिरकार आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। बता दें कि यह फिल्म वर्ष 1998 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण पर आधारित है। फिल्म में जॉन अब्राहम के अलावा डायना पेंटी और बोमन ईरानी को मुख्य किरदार निभाते हुए देखा जा रहा है। फिल्म में दूसरे परमाणु परीक्षण की कहानी को काफी बेहतरीन ढंग से पेश करने की कोशिश की गई है।

कहानी:-

इस कहानी की शुरूआत वर्ष 1995 से होती है आईएएस ऑफिसर अश्वत राणा (जॉन अब्राहम) भारत के परमाणु परीक्षण पर एक रिपोर्ट तैयार करते हैं और इसे सरकार को सौंप देते हैं। लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान न दिए जाने की वजह से यह मिशन पूरा ही नहीं हो पाता। इस अश्वत की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है और वह दिल्ली से वापस मसूरी चले जाते हैं। लेकिन लंबे के बाद अश्वत की जिंदगी में तब मोड़ आता है जब सरकार बदलती है। इसके बाद एक दिन पीएम के प्रमुख सचिव हिमांशु शुक्ला (बोमन ईरानी) को विचार आता है कि उन्हें इस परमाणु टेस्ट पर काम करना चाहिए। बस फिर क्या था जॉन को फिर काम पर लगाया जाता है और वह 5 सबसे बेहतरीन ऑफिसर्स को चुनकर एक टीम बनाते हैं, जिसका नाम 'पांडव' रखा जाता है।

अभिनय:-

फिल्म जॉन ने अपने किरदार को बखूबी पर्दे पर पेश करने की कोशिश की है। हालांकि फिर भी उन्हें देखकर लगता है कि वह और इससे बेहतर कर सकते थे। वहीं डायना पेंटी एक ऑफिसर के किरदार में कुछ खास नहीं लगी हैं। इनके अलावा बोमन ईरानी की बात करें तो उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है।

क्यों देखें:-

जॉन इससे पहले 'विक्की डोनर' और 'मद्रास कैफे' जैसी एक अलग कॉन्सेप्ट की फिल्मों को भी पेश कर चुके है। इस बार वह देश भक्ति के रंग में रंगी एक कहानी लेकर आए हैं। अगर आप इतिहास में हुई कुछ घटनाओं को देखने के शौकीन हैं तो यह फिल्म आपको पसंद आएगी।

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