Saturday, April 20, 2024
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Mulk Movie Review: दमदार अदाकारी से सजी ऋषि कपूर और तापसी की फिल्म ने दिया खास संदेश

अनुभव सिन्हा की फिल्म 'मुल्क' एक ऐसे परिवार की कहानी है जिसका एक बेटा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहता है और पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता है। आतंकवाद का आरोप उसके मरने के बाद उसके परिवार पर भी आता है। अब आरोपी बनाए जाने के बाद एक मुसलमान परिवार कैसे साबित करेगा कि वो आतंकवादी नहीं है।

Jyoti Jaiswal Jyoti Jaiswal
Updated on: August 02, 2018 13:23 IST
Mulk

Mulk

  • फिल्म रिव्यू: मुल्क
  • स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
  • पर्दे पर: Aug 3, 2018
  • डायरेक्टर: अनुभव सिन्हा
  • शैली: थ्रिलर ड्रामा

लेखक-निर्देशक अनुभव सिन्हा की फिल्म 'मुल्क' एक ऐसे परिवार की कहानी है जिसका एक बेटा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहता है और पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता है। आतंकवाद का आरोप उसके मरने के बाद उसके परिवार पर भी आता है। अब आरोपी बनाए जाने के बाद एक मुसलमान परिवार कैसे साबित करेगा कि वो आतंकवादी नहीं है। वो कैसे साबित करेगा कि दाढ़ीवाला होने के बावजूद उसमें और ओसामा बिन लादेन में फर्क है। अनुभव सिन्हा की फिल्म 'मुल्क' ऐसे कई सवाल फिल्म में उठाती है जो आज के दौर में बेहद जरूरी है। फिल्म में हम यानी हिंदू और वो यानी मुसलमान के बीच समाज में जो भेदभाव है उसे भी बखूबी दिखाया गया है।

कहानी:-

फिल्म की शुरुआत होती है बनारस के एक ऐसे मुसलमान परिवार से जिसका उसके पड़ोसी हिंदू परिवार से बेहद अच्छा रिश्ता है, कहीं भी कोई फंक्शन हो सब मिल बांटकर मनाते हैं। परिवार के मुखिया वकील मुराद अली मोहम्मद (ऋषि कपूर) का 65वां जन्मदिन है और उनकी बहू आरती मोहम्मद लंदन से आती है, वो भी वकील है। कहानी मे टर्निंग पॉइंट तब आता है जब मुराद अली के छोटे भाई बिलाल (मनोज पाहवा) का बेटा शाहिद (प्रतीक बब्बर) इलाहाबाद बम ब्लास्ट में शामिल रहता है, उसका तो एनकाउंटर हो जाता है लेकिन आतंकी हमले में साजिशकर्ता मानकर उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसके बाद इनकी जिंदगी रातों-रात बदल जाती है। शाहिद के पिता बिलाल (मनोज पाहवा) को इस आतंकी हमले का साजिशकर्ता मानकर गिरफ्तार कर लिया जाता है। अब तापसी पन्नू कोर्ट में उतरती है और उसे अपने परिवार की बेगुनाही साबित करनी है। कोर्ट में उसका मुकाबला सरकारी वकील संतोष आनंद (आशुतोष राणा) से है। फिल्म के जरिए कई ऐसे सवाल सामने आते हैं जो अरसे से हमारे दिमाग मे हैं, जिसे हम और आप हर रोज देखते हैं। जिनका सामना हम और आप हर रोज करते हैं। फिल्म में जेहादी और आतंकवाद का सही अर्थ बताया गया है।

निर्देशन:-

अनुभव का निर्देशन आपको अंदर तक हिला देगा। निर्देशन में कसावट है खासकर फिल्म के सेकंड हाफ में जो कोर्टरूम ड्रामा है वहां आप एक पल के लिए भी अपनी नजरे स्क्रीन पर से नहीं हटा पाएंगे।

अभिनय:-

एक्टिंग की बात करें तो सभी कलाकारों ने उम्दा प्रदर्शन किया है। चाहे वो तापसी हों, ऋषि कपूर हों, मनोज पाहवा हों, रजत कपूर या फिर आशुतोण राणा। फिल्म के डायलॉग्स भी काफी अच्छे हैं। फिल्म के अन्य किरदारों में नीना गुप्ता, प्राची शाह और प्रतीक बब्बर भी अपनी अदायगी से आपका ध्यान खींचेगे।

‘मुल्क’ में जो मैसेज है वो यही है कि 'हर मुसलमान आतंकवादी नहीं होता है। और किसी घर में अगर एक आतंकवादी पैदा हो गया तो उसके परिवार पर क्या बीतती है यह भी फिल्म में देखने को मिलेगा।'

फिल्म कहीं भी भटकी नहीं है, और अपना मैसेज देने में कामयाब रही है।

देखें या नहीं:-

देश मे जो माहौल है उसके बीच इतनी सशक्त फिल्म बनाना बड़ी बात है। यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए। यह फिल्म एक अच्छा मैसेज देती है साथ ही एंटरटेनिंग भी है। फिल्म का कंटेंट अच्छा है, हां ये हो सकता है बॉलीवुड मसाला फिल्में पसंद करने वालों को यह फिल्म पसंद ना आए। इस फिल्म को इंडिया टीवी दे रहा है 3.5 स्टार।

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