Saturday, April 20, 2024
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मूवी रिव्यू- बिना लॉजिक के मैजिक देखना हो तो देखिए 'गोलमाल अगेन'

आपने गोलमाल सीरीज की फिल्मों में कॉमेडी तो बहुत देखी है, इस बार रोहित शेट्टी एंड टीम ने गोलमाल में डाला है हॉरर का तड़का। इससे पहले गोलमाल सीरीज की 3 फिल्में बन

Jyoti Jaiswal Jyoti Jaiswal
Updated on: February 09, 2018 16:44 IST
golmaal again movie review
Photo: PTI golmaal again movie review
  • फिल्म रिव्यू: गोलमाल अगेन
  • स्टार रेटिंग: 3 / 5
  • पर्दे पर: 20 अक्टूबर 2017
  • डायरेक्टर: रोहित शेट्टी
  • शैली: फैंटसी, कॉमेडी

फिल्म समीक्षा- आपने गोलमाल सीरीज की फिल्मों में कॉमेडी तो बहुत देखी है, इस बार रोहित शेट्टी एंड टीम ने गोलमाल में डाला है हॉरर का तड़का। इससे पहले गोलमाल सीरीज की 3 फिल्में बन चुकी हैं, तीनों ही फिल्में हमें हंसाने में कामयाब रही हैं और बॉक्स ऑफिस पर भी हिट रही हैं। गोलमाल अगेन- मैजिक विदाउट लॉजिक में कितना मैजिक है आइए जानते हैं।

कहानी- यह कहानी है ऊटी के जमनादास अनाथ आश्रम में रहने वाले 5 बच्चों की है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे ये बच्चे बिछड़ जाते हैं और फिर दोबारा कैसे मिलते हैं। इन बच्चों में गोपाल (अजय देवगन), माधव (अरशद वारसी), लकी (तुषार कपूर), लक्ष्मण 1 (श्रेयस तलपड़े) और लक्ष्मण 2 (कुणाल खेमू ) शामिल हैं। फिल्म में ऐना के किरदार में तब्बू अनाथालय की लाइब्रेरियन बनी हैं, जो आत्माओं को देख सकती है, फिल्म में परिणीति चोपड़ा भी है, जिससे अजय देवगन को प्यार होता है।

इस प्रकाश राज और नील नितिन मुकेश भी गोलमाल फ्रेंचाइजी का हिस्सा बने हैं। निखिल (नील नितिन मुकेश ) और वासू रेड्डी (प्रकाश राज) अनाथालय पर कब्जा करना चाहते हैं, ये पांचों एक्टर्स उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं। इस बीच फिल्म में भूला (जॉनी लीवर), वसूली भाई (मुकेश तिवारी), बब्ली भाई (संजय मिश्रा) और पांडू (व्रजेश हीरजी) की भी एंट्री होती है, वहीं इस बार फिल्म में भूत की भी होता है। ये सब मिलकर फिल्म में कॉमेडी, हॉरर और इमोशनल परिस्थितियां पैदा करते हैं। मगर अफसोस न ही फिल्म ठीक ढंग से हंसा पाती है, न डरा पाती है और न ही हमें इमोशनल कर पाती है। गोलमाल सीरीज की पिछली फिल्मों के मुकाबले यह गोलमाल कमजोर है। फिल्म में तो कई बार मैजिक होता है मगर रोहित शेट्टी का गोलमाल वाला जादू इस फिल्म में नहीं दिखा। फिल्म की टैगलाइन ही है ‘मैजिक विदाउट लॉजिक’ तो फिल्म से लॉजिक की उम्मीद करना भी बेमानी है। फिल्म में कुछ सस्पेंस हैं, जिसका खुलासा इंटरवल के बाद होता है, लेकिन आप थोड़ा सा दिमाग लगाएंगे तो पहले ही सब कुछ गेस कर लेंगे। 

ऐसा नहीं है कि फिल्म बुरी है, फिल्म कई सीन आपको हंसाएंगे लेकिन पुरानी गोलमाल सीरीज की फिल्मों से इसकी तुलना करेंगे तो आपको यह फिल्म काफी कमजोर लगेगी और निराशा हाथ लगेगी। गोलमाल की फिल्मों में एक और खास बात होती थी, फिल्म के एंड में लकी (तुषार कपूर) के हाथ जैकपॉट लगता था, जैसे पहले में लड़की, दूसरे में नौकरी मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं होता। फिल्म में करीना कपूर की कमी भी खलती है।

खूबियां- फिल्म के डायलॉग्स और पंच अच्छे हैं, खासकर लक्ष्मण (श्रेयस तलपड़े) का गोपाल (अजय देवगन) को लोरी गाकर सुनाना और बब्ली भाई (संजय मिश्रा) के अंग्रेजी बोलने का तरीका, कुणाल खेमू के डायलॉग्स भी अच्छे हैं। नाना पाटेकर की आवाज का जो इस्तेमाल हुआ है वो काफी मजेदार है, खासकर जब लकी (तुषार कपूर) जब नाना पाटेकर की आवाज में डायलॉग बोलेगा आप खुद को ताली बजाने से नहीं रोक पाएंगे।

अगर आप दीपावली की छुट्टी पर फैमिली और दोस्तों के साथ एन्जॉय करने के लिए फिल्म देखना चाहते हैं, तो जरूर देखिए आपको मजा आएगा, लेकिन लॉजिक घर पर रखकर जाइएगा। मेरी तरफ से इस फिल्म को 3 स्टार।

-ज्योति जायसवाल @JyotiiJaiswal​

वीडियो में देखिए सीक्रेट सुपरस्टार का रिव्यू-

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