मुंबई: पुणे की एक अदालत ने राजा श्रीमंत बाजीराव पेशवा और उनके परिवार के सदस्यों से संबंधित इतिहास को कथित तौर पर तोड़-मरोड़ करने के मामले में संजय लीला भंसाली की आने वाली फिल्म बाजीराव मस्तानी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत का मानना था कि शिकायतकर्ता फिल्म के रिलीज को लेकर अपनी शिकायतों के साथ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पास जा सकता है।
अपने आदेश में पुणे के सीनियर डिवीजन के मुख्य न्यायाधीश एस एस गुलहाने ने कहा, सेंसर बोर्ड की अनुमति के बिना फिल्म रिलीज नहीं हो सकती। शिकायतकर्ता को अगर फिल्म के रिलीज को लेकर कोई शिकायत है तो वह संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकता है। इसलिए, सीआरपीसी की धारा 91 के तहत दीवानी मुकदमा पर विचार नहीं किया जा सकता। याचिका को खारिज किया जाता है।