नई दिल्ली: आज स्वतंत्रता दिवस लोगों के लिए सिर्फ हॉलीडे से ज्यादा और कुछ नहीं रह गया है। लोग घरों में बैठकर अपनी छुट्टी एन्जॉय करते है या अपने परिवार के साथ घूमने निकल पड़ते है। लेकिन सरहद पर बैठे लोग आजादी के इतने साल बाद आज भी देश की रक्षा की खातिर अपनी जान दांव पर लगाते है।
इन देश प्रेमियों की कहानी को बॉलीवुड में भी अलग-अलग तरीके से पेश किया है। देश के लिए शहीद हुए लोगों की कहानियों को फिल्म जगत ने बखूबी पर्दे पर उतारा है। भारत के 68वें स्वतंत्रता दिवस पर देखिए लोकप्रिय फिल्में जो देशभक्ति से परिपूर्ण हैं-
1. शहीद: 1965 में बनी इस फिल्म में मनोज कुमार ने मुख्य किरदार निभाया था। फिल्म की कहानी वर्ष 1916 से शुरू होती है जब भगत सिंह के चाचा अजित सिंह को ब्रिटिश राज के खिलाफ बगावत करने के जुर्म में पुलिस गिरफ्तार करके ले जाती है। उस समय भगत सिंह 8 या 9 वर्ष के होते हैं। बड़े होकर भगत सिंह भी अपने चाचा के नक्शे कदमों पर चलने लगते हैं और साइमन कमीशन के खिलाफ हो रहे आंदोलन में शामिल हो जाते हैं। इसी आंदोलन के चलते पुलिस लाठीचार्ज में लाला लाजपथ राय की मौत हो जाती है। इसके बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली एसेम्बली में बम विस्फोट किया और वहां से भागने की बजाय वहीं खड़े होकर इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए। और खुद को गिरफ्तार करवा लिया जिससे कि वह अपनी बातें अंग्रेज सरकार के सामने रख पाए। मनोज कुमार ने भगत सिंह के किरदार को इस कदर पर्दे पर उतारा कि आज भी जब युवा उनकी इस फिल्म को देखते हैं तो उनमें अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की लहर दौड़ जाती है। हर उस जाबाज के लिए सम्मान जाग उठता है जिसने देश की आजादी के लिए अपने प्राण दांव पर लगा दिए। इस फिल्म की कहानी भगत के साथी बटुकेशवर दत्त ने लिखी थी। और यह संयोग ही था कि जिस वर्ष में फिल्म रिलीज होने वाली थी उसी वर्ष बटुकेशवर की मृत्यु हो गई।