Friday, March 29, 2024
Advertisement

कर्नाटक: राहुल ने 23 दिनों में कीं 85 सभाएं, लेकिन नतीजे ‘उम्मीद के मुताबिक’ नहीं रहे

राहुल ने 10 फरवरी से 10 मई के बीच तीन महीने की अवधि में कर्नाटक का नौ बार दौरा किया। इस दौरान वह 23 दिनों तक राज्य में रहे...

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: May 16, 2018 16:43 IST
rahul gandhi- India TV Hindi
rahul gandhi

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक में तीन महीनों की अवधि में 23 दिनों तक प्रचार किया और 85 छोटी-बड़ी सभाएं की, हालांकि नतीजे ‘पार्टी के उम्मीद के मुताबिक’ नहीं रहे। राहुल ने 10 फरवरी से 10 मई के बीच तीन महीने की अवधि में कर्नाटक का नौ बार दौरा किया। इस दौरान वह 23 दिनों तक राज्य में रहे। उन्होंने करीब 85 छोटी-बड़ी सभाओं को संबोधित किया, कई रोड शो किए, कई संवाद कार्यक्रमों में शामिल हुए और कई धार्मिक स्थलों पर भी गए। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘यह बात सही है कि नतीजे पार्टी के उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। लेकिन हमारे लिए इसमें सकारात्म्क बात यह है कि हमारे वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है। हमें कर्नाटक के सभी क्षेत्रों में लोगों ने वोट किया है।’

कांग्रेस को इस चुनाव में सर्वाधिक 38 फीसदी वोट मिले, लेकिन वह 78 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। राज्य में चुनाव प्रचार की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी फरवरी महीने में दो, मार्च में दो, अप्रैल में तीन और मई में दो बार कर्नाटक गए। कांग्रेस अध्यक्ष ने अप्रैल महीने में दो दिन और चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में एक दिन बेंगलुरू में सभाएं की थीं और जनता के बीच सड़क पर भी उतरे थे। पार्टी शहर की 26 सीटों में से 13 सीटें जीतने में सफल रही। वर्ष 2013 में भी उसने 13 सीटें जीती थीं।

मुंबई कर्नाटक क्षेत्र में कुल 50 विधानसभा सीटें आती हैं। इस क्षेत्र में भी राहुल ने मार्च और अप्रैल महीनों में दो अलग अलग मौकों पर प्रचार किया। इस क्षेत्र में पार्टी को सिर्फ 17 सीटें मिलीं जबकि 2013 में कांग्रेस ने 31 सीटें जीतीं थीं। इस क्षेत्र में भाजपा की सीटों की संख्या 13 से 30 तक पहुंच गई। कांग्रेस की ओर से, 55 सीटों वाले ओल्ड मैसुरू क्षेत्र में मार्च और मई में राहुल ने 10 से ज्यादा सभाएं और कई संवाद कार्यक्रम किए। इस क्षेत्र में पार्टी को 17 सीटें मिलीं जबकि 2013 में उसे 24 सीटें मिलीं थीं।

मध्य कर्नाटक का राहुल ने फरवरी और अप्रैल में दो बार दौरा किया। इस क्षेत्र में कांग्रेस को सात और भाजपा को 21 सीटें मिलीं। इस क्षेत्र में कुल 32 सीटें आती हैं। राहुल ने हैदराबाद कर्नाटक के क्षेत्र में दो मौकों पर करीब 15 सभाएं और रोड शो किए। इस क्षेत्र में आने वाली 40 सीटों में से कांग्रेस ने 21 और भाजपा ने 15 सीटें जीती। कर्नाटक में कांग्रेस ने एक तरफ जहां युवा चहरों के साथ ही कुछ बड़े एवं अनुभवी नेताओं को प्रचार का मौका दिया तो कुछ ऐसे पुराने एवं चर्चित नेता भी रहे जिनको इस चुनाव से बिल्कुल ही दूर रखा गया।

पार्टी के जिन चर्चित चेहरों को कर्नाटक की सरजमीं पर कदम रखने का मौका नहीं मिला उसमें दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद, कपिल सिब्बल और सीपी जोशी प्रमुख हैं। पार्टी इस चुनाव में अपनी शीर्ष नेता सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कर्नाटक ले गई तो दूसरी तरफ गुलाम नबी आजाद, सुशील कुमार शिंदे, ए के एंटनी और अशोक गहलोत जैसे कई अनुभवी नेताओं ने कई सभाओं को संबोधित किया। पी चिदम्बरम, आनंद शर्मा और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मीडिया के जरिए जनता तक अपनी बात पहुंचाई।

दिग्विजय सिंह, खुर्शीद, सिब्बल और जोशी का नाम न तो स्टार प्रचारकों की सूची में था और न ही उनको प्रेस वार्ता की जिम्मेदारी दी गयी। वैसे, कर्नाटक में कांग्रेस के चुनावी प्रबंधन से जुड़े लोग इस बात से इनकार करते हैं कि किसी चर्चित और अनुभवी नेता की उपेक्षा की गई। राज्य में कांग्रेस के चुनावी वार रूम का हिस्सा रहे पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, ''अगर किसी नेता को एक चुनाव में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई तो इसका यह मतलब कतई नहीं है कि उसकी उपेक्षा की गई है। रामलीला मैदान में खुद राहुल जी कह चुके हैं कि पार्टी में बुजुर्ग और युवा सभी को सम्मान मिलेगा।''

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Karnataka Assembly Election 2018 News in Hindi के लिए क्लिक करें इलेक्‍शन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement