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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, केंद्रीय बजट में अतिरिक्त फंड की मांग नहीं करेगी रेलवे

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आगामी आम बजट 2018-19 में भारतीय रेलवे और फंड की मांग नहीं करेगी।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, केंद्रीय बजट में अतिरिक्त फंड की मांग नहीं करेगी रेलवे- India TV Paisa रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, केंद्रीय बजट में अतिरिक्त फंड की मांग नहीं करेगी रेलवे

नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आगामी आम बजट 2018-19 में भारतीय रेलवे और फंड की मांग नहीं करेगी। हमारा ध्यान अपनी ही संपत्तियों का मौद्रिकरण करने पर है। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को रेल बजट को आम बजट में मिलाने के बाद दूसरा आम बजट पेश करेंगे। गोयल ने कहा कि स्पष्ट रूप से कहें तो मुझे आम बजट से और फंड की जरूरत नहीं है। रेलवे अपने खर्च को पूरा करने के लिए नए तरीके ढूंढ रही है।

उन्होंने कहा कि हम यात्रियों तथा अपने माल ढुलाई वाले ग्राहकों को तेज और दक्ष सेवाओं की आपूर्ति पर ध्यान दे रहे हैं। गोयल ने सितंबर में रेल मंत्रालय का प्रभार संभाला है। इससे पहले उन्हें बिजली क्षेत्र में बदलाव का श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि एशिया के सबसे पुराने रेल नेटवर्क को धन की कतई कमी नहीं होगी।

गोयल ने कहा कि जहां तक मेरा विचार है, रेलवे में संपत्तियों के मौद्रिकरण की काफी संभावनाएं हैं। स्पष्ट रूप से कहूं तो मेरे पास फंड की कमी नहीं होगी। इस साल पहली बार रेल बजट का आम बजट में विलय किया गया। 1924 से रेल और आम बजट को अलग-अलग पेश करने की परंपरा रही थी।

इस बजट में भारतीय रेलवे के लिए सबसे अधिक 1.3 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया। इसमें कुल बजटीय समर्थन 55,000 करोड़ रुपए था। यह भी घोषणा की गई कि रेलवे चार प्रमुख क्षेत्रों यात्री सुरक्षा, पूंजी और विकास कार्य, स्वच्छता और वित्त तथा लेखा सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

रेल मंत्री ने कहा कि सुरक्षा संबंधित परियोजनाओं के लिए हमारा पास पर्याप्त फंड है। जो भी निवेश की जरूरत होगी, हम आंतरिक रूप से उसे जुटा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि बजट 2018-19 में जन कल्याण के लिए अधिक आवंटन किया जा सकता है। गोयल ने कहा कि ऐसे में वित्त मंत्री जेटली रेलवे से बचत वाली राशि जन कल्याण वाले क्षेत्रों मसलन स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए आवंटित कर सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या किराया वृद्धि की संभावना नहीं है, गोयल ने कहा कि मेरा मानना है कि किराया बढ़ाने के बजाय हमें दक्षता बढ़ानी चाहिए।

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