Friday, March 29, 2024
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भारत आ रहे हैं US के रक्षा मंत्री, फाइटर जेट्स समेत अन्य मुद्दों पर होगी बात!

मेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस अपनी भारत यात्रा में वह भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने की कोशिश करेंगे और...

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: September 24, 2017 20:21 IST
US Airforce- India TV Hindi
Photo Courtesy | US Airforce

वॉशिंगटन: अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस अपनी भारत यात्रा में वह भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने की कोशिश करेंगे और उनकी चर्चा में F-16 और क्षेत्र की सुरक्षा की स्थिति जैसे मुद्दों के एजेंडे में शीर्ष पर रहने की उम्मीद है। सेना और अर्थव्यवस्था दोनों संदर्भों में एक मजबूत भारत को अमेरिका के राष्ट्रीय हित में मानने वाले मैटिस रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित के डोभाल से मुलाकात करेंगे। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। यह ट्रंप प्रशासन के तहत होने वाली कैबिनेट-स्तर की पहली भारत यात्रा है।

उनकी यात्रा की तैयारी की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा का उपयोग भारत-अमेरिका सैन्य संबंधों का दर्जा उन्नत करने, अफगानिस्तान में बढ़े सामरिक सहयोग प्रदर्शित करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा एवं कानून के शासन को मजबूत करने के लिए नई संस्थागत प्रणालियां विकसित करने में किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि मैटिस की 26 और 27 सितंबर की भारत यात्रा के दौरान किसी खास रक्षा व्यापार समझौते की घोषणा नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत आने वाले F-16 और F-18ए के दो विशिष्ट प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसके अलावा महवकांक्षी डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशिएटिव्स (DTII) परियोजना के तहत नई परियाजनाओं की पहचान करने के प्रयास भी किए जाएंगे।

ट्रंप प्रशासन, अमेरिकी कंपनियों बोइंग और लॉकहेड मार्टिन द्वारा निर्मित क्रमश: F-18 और F-16 लड़ाकू विमानों को भारत को बेचना चाहता है। दोनों कंपनियों ने इन विमानों की असेंबली भारत में करने की पेशकश की है। अपनी यात्रा से पहले मैटिस ने पेंटागन में अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना से मुलाकात की। अपनी भारत यात्रा के दौरान मैटिस नई अफगान नीति और भारत-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दे पर भी सीतारमण और अन्य भारतीय नेताओं से बातचीत करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, मैटिस भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की गति तेज करने के इच्छुक हैं और इसे दक्षिण एशिया से लेकर भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के लक्ष्य को हासिल करने का एक प्रभावी उपकरण बनाना चाहते हैं।

माना जा रहा है कि इस संबंध में मैटिस अपने भी कुछ विचार लेकर आ रहे हैं जिनपर वह भारतीय नेताओं के साथ चर्चा कर उनकी प्रतिक्रया लेना चाहेंगे। भारत के साथ संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए सैन्य अभ्यास की संख्या बढ़ाने और उच्च-तकनीक वाले रक्षा उपकरणों की बिक्री के साथ ही पेंटागन बुनियादी समझाौतों की बजाए अब भारत केन्द्रित कुछ दस्तावेजीकरण करना चाहता है जो संस्थागत प्रणाली मुहैया कराए, भारत की चिंताओं का हल निकाले और इस संबंध में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा अनिवार्य की गई वैधानिक शर्तों को पूरा करे।

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