Friday, April 26, 2024
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ट्रंप ने नील गोरसच को सुप्रीम कोर्ट के उम्मीदवार के रूप में नामित किया

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय अपीली अदालत के युवा जज नील गोरसच को सुप्रीम कोर्ट के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। उनके इस नामांकन से अदालत का कंजर्वेटिव मूल्यों

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: February 01, 2017 10:49 IST
trump nominated neil gorsuch as the candidate of supreme...- India TV Hindi
trump nominated neil gorsuch as the candidate of supreme court

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय अपीली अदालत के युवा जज नील गोरसच को सुप्रीम कोर्ट के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। उनके इस नामांकन से अदालत का कंजर्वेटिव मूल्यों के प्रति झुकाव बढ़ सकता है। डेमोक्रेट सदस्यों ने उनके नामांकन का विरोध किया है। गोरसच का यह नामांकन गर्भपात, बंदूक नियंत्रण, मृत्युदंड और धार्मिक अधिकारों जैसे बड़े विभाजनकारी मुद्दों पर दशकों तक के लिए किए जाने वाले बड़े फैसलों पर कंजर्वेटिव लोगों के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करता है।

कोलोराडो में जन्मे और पले-बढ़े 49 वर्षीय गोरसच पिछले 25 साल में सुप्रीम कोर्ट के लिए के लिए नामित किए गए सबसे कम उम्र के उम्मीदवार हैं। ट्रंप की ओर से यह नामांकन कंजर्वेटिव न्यायाधीश एंटोनिन स्कालिया के निधन के कारण पैदा हुई रिक्ति के चलते किया गया है। व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम से कल बड़ी घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, मुझे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद के लिए जज नील गोरसच के नामांकन की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। गोरसच ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और हार्वर्ड लॉ स्कूल में पढ़ाई की है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मार्शल स्कॉलर के रूप में अपनी डॉक्टरेट की उपाधि ली थी। धारित है।

वर्ष 2006 में, तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने गोरसच को टेंथ सर्किट की अमेरिकी अपीली अदालत के लिए नामित किया था और उनके नाम को बिना किसी आपत्ति के ध्वनिमत के साथ मंजूरी दी गई थी। गोरसच ने कहा, यह नामांकन पाकर मैं सम्मानित एवं आभारी महसूस कर रहा हूं। मैं इस प्रक्रिया की शुरूआत के लिए आने वाले सप्ताहों में सीनेटरों से मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं। डेमोक्रेट सदस्यों ने उनके नामांकन का विरोध किया है।

सीनेट में अल्पमत के नेता चाल्र्स शूमर ने कहा, उनके रिकॉर्ड को देखते हुए, मुझे इस बात पर गहरे संदेह हैं कि उनमें इस मापदंड को पूरा करने की योग्यता है या नहीं। जज गोरसच ने बार-बार कामकाजी लोगों की तुलना में कॉरपोरेशनों की तरफदारी की है। महिला अधिकारों के प्रति वह बैरभाव रखते रहे हैं। न्यायशास्त्र के प्रति उनकी विचारधारात्मक सोच मुझे इस बात के प्रति सशंकित करती है कि वह न्यायालय के मजबूत और स्वतंत्र न्यायाधीश होंगे या नहीं।

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