Wednesday, April 24, 2024
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भारत और अमेरिका के संबंध अधिक मजबूत और परिपक्व हैं: जेटली

वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि अमेरिका और भारत के संबंधों में पिछले दशकों में काफी सुधार हुआ है और दोनों देशों में सरकारें बदलने के बावजूद संबंध और मजबूत और परिवक्व हुए हैं।

Bhasha Bhasha
Published on: April 22, 2017 13:52 IST
Arun Jaitley- India TV Hindi
Arun Jaitley

वाशिंगटन: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अमेरिका और भारत के संबंधों में पिछले दशकों में काफी सुधार हुआ है और दोनों देशों में सरकारें बदलने के बावजूद संबंध और मजबूत और परिवक्व हुए हैं। अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सरना की मेजबानी में आयोजित स्वागत समारोह में जेटली ने कहा कि भारत सरकार द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न आयामों को मजबूत करने के लिए ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर काम करने की इच्छुक है। द्विपक्षीय संबंधों को दोनों देशों में द्विदलीय समर्थन प्राप्त होने की बात कहते हुए जेटली ने कहा, एक तरह से यह द्विदलीय संबंध है। मुझे यकीन है कि इस संबंध के विभिन्न आयामों को मजबूत करने के लिए नए प्रशासन के साथ काम करना हमारे लिए बहुत सम्मान की बात होगी।

जेटली ने कल अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रोस से मुलाकात की। ट्रंप प्रशासन के तहत यह दोनों देशों के बीच केबिनेट स्तर की पहली बातचीत है। जेटली ने कहा, अमेरिका और भारत के संबंध में पिछले कुछ दशकों में अहम सुधार आया है। यह पहले से कहीं मजबूत और परिपक्व हुआ है, फिर चाहे दोनों देशों में सरकार कोई भी आई हो। जेटली ने कहा, पिछले तीन साल की तुलना में इस साल में आशावाद थोड़ा ज्यादा है। जहां तक इन बैठकों की बात है, यह एक अच्छी खबर जान पड़ती है। उन्होंने कहा, मैंने कल अमेरिकी वाणिज्य मंत्री से मुलाकात की। कल मैं अमेरिकी वित्त मंत्री से मुलाकात करूंगा। नए प्रशासन और भारत सरकार के बीच इस स्तर का यह पहला संपर्क होगा। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री के साथ कल हुई मुलाकात में जेटली ने ट्रंप प्रशासन के एच-1बी वीजा प्रणाली को कड़ा बनाने के कदम पर भारत की चिंता व्यक्त की।

उन्होंने भारतीय पेशेवरों द्वारा अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में निभाए जाने वाली अहम भूमिका को रेखांकित किया और उम्मीद जताई कि अमेरिकी प्रशासन कोई भी फैसला लेते हुए इस पहलू पर गौर करेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सप्ताह एच-1बी वीजा कार्यक्रम से जुड़े नियमों को कड़ा बनाने के लिए एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे ताकि इस कार्यक्रम के दुरूपयोग को रोका जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये वीजा बेहद कुशल और उच्चतम वेतन प्राप्त अनुरोधकर्ताओं को ही दिए जा रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का असर भारत के 150 अरब डॉलर के आईटी उद्योग पर पड़ेगा। विश्व मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में शिरकत करने के लिए जेटली के नेतृत्व में 20 अप्रैल को एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल यहां आया है।

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