वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेशनल मॉल के सामने अमेरिकी कैपिटोल में पुरानी परंपरा के अनुसार ऐतिहासिक लिंकन बाइबिल पर हाथ रखकर 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। दुनिया के इस सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में पवित्र बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली जाती है।
हालिया इतिहास में बहुत कम बार ऐसा हुआ है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण में बाइबिल का प्रयोग नहीं किया हो। 14 सितंबर 1901 में राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की हत्या के बाद तत्कालीन उपराष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की थी, उस समय बाइबिल का प्रयोग नहीं किया गया था।
बराक ओबामा ने वर्ष 2009 में राष्ट्रपति के रूप में पहली बार कार्यभार संभालते हुए लिंकन की बाइबिल का इस्तेमाल किया था और दूसरे कार्यकाल के आरंभ में उन्होंने डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के बाइबिल का प्रयोग किया था।
ट्रंप शपथ ग्रहण समारोह में अपने बाइबिल के साथ साथ उस बाइबिल का भी प्रयोग करेंगे जो पूर्व राष्ट्रपति लिंकन ने अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में इस्तेमाल किया था। अमेरिका के चीफ जस्टिस जॉन रॉबट्र्स ट्रंप को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण कराएंगे।