Thursday, April 25, 2024
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अमेरिकी दर्शकों के सामने ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान के राजदूत में जुबानी जंग

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत एजाज चौधरी को मंगलवार को अपने अफगान समकक्ष से की ओर से अफगानिस्तान के भीतर इस्लामाबाद द्वारा पैदा की जा रही अस्थिरता और आतंकवादी गतिविधियों को लेकर तीखे सवालों का सामना करना पड़ा।

Bhasha Bhasha
Published on: June 20, 2017 22:05 IST
Hamdullah Mohib | Twitter Photo- India TV Hindi
Hamdullah Mohib | Twitter Photo

वॉशिंगटन: अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत एजाज चौधरी को मंगलवार को अपने अफगान समकक्ष से की ओर से अफगानिस्तान के भीतर इस्लामाबाद द्वारा पैदा की जा रही अस्थिरता और आतंकवादी गतिविधियों को लेकर तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। वॉशिंगटन में इंडस थिंक टैंक की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान अमेरिका में अफगान राजदूत हमदुल्ला मोहिब ने कहा, ‘हम इसे अघोषित युद्ध कहते हैं क्योंकि लक्ष्य तय नहीं है। हम नहीं जानते कि पाकिस्तान का लक्ष्य क्या है और हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।’

अफगान सरकार की ओर से नया और दुर्लभ आक्रामक रवैया अपनाते हुए मोहिब ने कहा कि काबुल इसे लेकर सुनिश्चित नहीं है कि पाकिस्तान में किससे बातचीत करनी चाहिए। मोहिब ने सवाल किया, ‘लेकिन कौन पाकिस्तान, वह पाकिस्तान जो उग्रवादी समूहों के कब्जे में है, या सैन्य शासन के या फिर आम लोगों का पाकिस्तान? ’ उन्होंने कहा कि नागरिकों के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के पास अपनी आवाज नहीं है और सच्चाई यह है कि नीतियां सेना तय कर रही है और वह उग्रवाद को विदेश नीति के रूप में इस्तेमाल कर रही है। 

अफगान राजदूत ने चेताया कि सेना में नई पीढ़ी पैदा हो रही है, वह पीढ़ी जिसे पूर्वी तानाशाह जनरल जिया-उल-हक ने प्रशिक्षण दिया है और वही अगले दशक में या उसके आसपास पाकिस्तान पर शासन करने वाली है। उन्होंने कहा, ‘एक बार ऐसा होने के बाद यह, वह सेना नहीं रह जाएगी जो चरमपंथ का प्रयोग विदेश नीति के रूप में करने का प्रयास कर रही है। यह चरमपंथी सेना होगी, जिसके पास एक लाख बाहुबल होगा, वह अत्याधुनिक खुफिया तंत्र और नाभिकीय हथियार से लैस होगी। पाकिस्तान से चरमपंथियों की उस पीढ़ी को खत्म करने में चार दशक का वक्त लगेगा।’

बेहद नाराज दिख रहे चौधरी ने अपने अफगान समकक्ष की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा कि अफगानिस्तान अब पाकिस्तान के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप में उलझा रहा है। चौधरी ने कहा, ‘यह कोई नई बात नहीं है। हम पिछले डेढ़-दो साल से यह सुन रहे हैं। इसी तर्ज पर इसी मंत्र को सुन रहे हैं। और भी कई बातें कही गयी हैं। लेकिन हमारा पक्ष है कि हम इसपर प्रतिक्रिया नहीं देते। हमें नहीं लगता कि आरोप-प्रत्यारोप से किसी देश को लाभ होता है।’

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