अमेरिका के सैन फ़्रंसिस्को में एक घर के नीचे से एक ताबूत (कॉफ़िन) मिला है जिसमें एक तीन साल की बच्ची का शव है और उसके दोनों हाथों से गुलाब का फूल पकड़ रखा है।
दरअसल मकान बनाने वाले रिचमंड जि़ले में एरिका कारनर के मकान को नए सिरे से बना रहे थे तब उन्हें गराज के अंदर 9 मई को जस्ते और कांसे का बना एक ताबूत मिला। ये ताबूत तीन फुट लंबा है और इसके ऊपर दो खिड़कियां बनी हुई हैं। ताबूत के अंदर सुनहरे बालों वाली बच्ची का शव अब भी साबुत है और उसके हाथों में एक गुलाब का फूल है और बालों में लेवेंडर फूल टके हुए हैं।
डेली मेल के अनुसार माना जाता है कि इस बच्ची को शहर के पुराने कब्रिस्तान में दफ़्न किया गया था जहां और 30,000 लोग दफ़्न थे। इस कब्रिस्तान को 1890 में बंद कर दिया गया था। कब्रिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए 1920 में 180,000 शवों को दूसरे कब्रिस्तान में शिफ़्ट कर दिया गया लेकिन लंबे सफेद कपड़ों वाली इस बच्ची का शव छूट गया।
ताबूत पर ऐसा कुछ नहीं लिखा है जिससे बच्ची की पहचान हो सके। एरिका कारनर के बेटियों ने इसका नाम मिरांडा रख दिया है। दिलचस्प बात ये है कि अब इस शव की हिफ़ाज़त करना कारनर की ज़िम्मेदारी हो गई है। वह इसे दफ़्न भी नहीं कर सकती क्योंकि उसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र चाहिए। एक एक archaeological कंपनी ने शव के लिए 22,000. डॉलर की पेशकश की है।
बहरहाल ताबूत की सील तब तोड़नी पड़ी जब मिरांडा का शव खराब होने लगा। कारनर का कहना है कि उन्हें ये सोटकर बहुत बुरा लगता है कि ये प्यारी सी बच्ची पीछे आंगन में अकेली लेटी हुई है। वह इसे अपने परिवार का हिस्सा मानने लगी हैं।
अज्ञात बच्चों का अंतिम संस्कार करने वाली एक संस्था गार्डन ऑफ इन्नोसेंस मदद के लिए आगे आई है।