रावलपिंडी-लाहौर: एक असाधारण कदम उठाते हुए पाकिस्तानी सेना ने आज कहा कि मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद की हिरासत राष्ट्रहित में लिया गया एक नीतिगत फैसला है। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने यहां संवाददाताओं से कहा, उसे हिरासत में लिया जाना राष्ट्रहित में लिया गया एक नीतिगत फैसला है। संबंधित विभाग अगले एक या दो दिन में इस पर और जानकारी दे सकता है और तब स्थिति और साफ होगी।
पंजाब प्रांत के गृह विभाग के आदेश के बाद सईद और चार अन्य जमात नेताओं को कल पंजाब प्रांत में नजरबंद किया गया। यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय के 27 जनवरी के निर्देश के बाद किया गया। सईद और उसके सहयोगियों अब्दुल्ला उबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद और काजी काशिफ नियाज को जमात उद दावा के लाहौर मुख्यालय के पास चौबुर्जी से हिरासत में लेने के बाद नजरबंद किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, वे पंजाब के अलग-अलग जिलों से आते हैं लेकिन सरकार ने उन्हें लाहौर में एक ही घर में नजरबंद रखने का फैसला किया है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, सरकार ने सईद और जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) के चार अन्य नेताओं को 30 जनवरी से 90 दिनों के लिए हिरासत में लिया है, लेकिन जरूरत हुई तो इस अवधि के पूरा होने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले दिनों में जमात उद दावा और उसकी सहयोगी संस्थाओं के खिलाफ कुछ और कदम उठा सकती है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि जमात और एफआईएफ के कुछ कार्यकर्ताओं के नाम उस सूची :एग्जिट कंट्रोल लिस्ट: मंे शामिल किया गया हैै जिनके देश छोड़ कर जाने पर रोक है।