Wednesday, April 24, 2024
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सईद की नजरबंदी से भारत-पाक के बीच तनाव में कमी आने की उम्मीद

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की मीडिया ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी से भारत-पाक के बीच के तनाव में कमी आने की उम्मीद जताई है, वहीं मुंबई हमले के मास्टर माइंड के समर्थकों ने सरकार के

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: January 31, 2017 16:23 IST
hafiz saeed- India TV Hindi
hafiz saeed

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की मीडिया ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी से भारत-पाक के बीच के तनाव में कमी आने की उम्मीद जताई है, वहीं मुंबई हमले के मास्टर माइंड के समर्थकों ने सरकार के इस फैसले को भारत और अमेरिका के दबाव में लिया गया फैसला बताते हुए बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। सईद को कल उसके लाहौर स्थित मुख्यालय पर नजरबंद किया गया था। उसे उसके आवास पर स्थानांतरित कर दिया गया और पंजाब प्रांत में अधिकारियों ने इसे उप-जेल घोषित कर दिया है। प्रांतीय अधिकारियों ने लाहौर की सड़कों से जमात-उद-दावा के बैनर हटाने भी शुरू कर दिए हैं।

प्रांतीय गृह विभाग के आदेश पर जमात-उद-दावा के दफ्तरों पर पार्टी के झंडों के बजाय राष्ट्रीय झंडे फहराए गए हैं। सईद को उसके घर में ही नजरबंद कर दिए जाने पर उसके समर्थकों ने इस्लामाबाद, लाहौर और कराची जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा, हाफिज सईद की नजरबंदी परमाणु क्षमता से संपन्न शत्रुओं पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम कर सकती है। हालांक नई दिल्ली ने अब तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि वर्ष 2008 का मुंबई हमला पाकिस्तान और भारत को युद्ध के कगार पर ले आया था। उस हमले में 10 बंदूकधारियों ने दो भव्य होटलों, एक यहूदी केंद्र और एक रेलवे स्टेशन पर हमला बोलकर 166 लोगों को मार डाला था।

सईद ने हमले में किसी भी भूमिका से इनकार किया और जमात-उद-दावा के संचालन के दौरान खुद को लश्कर-ए-तैयबा से दूर रखा है। सईद के समर्थकों का आरोप है कि नवाज शरीफ की सरकार ने उस अमेरिका की इच्छा के आगे घुटने टेक दिए हैं, जिसने सईद की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी देने के लिए एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा कर रखी है। जमात-उद-दावा के प्रवक्ता नदीम अवान ने भारत पर भी पाक सरकार पर दबाव डालने का आरोप लगाया और कहा, यह (नवाज) सरकार दबाव में झुक गई है। एक अन्य प्रवक्ता फारूक आजम ने कराची में विभिन्न धर्मों और कश्मीरी नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की।

अखबार ने कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रशासन ने इस्लामाबाद से संपर्क नहीं किया है लेकिन वह इस मुद्दे पर अमेरिकी दबाव महसूस कर रहा है। अधिकारी ने कहा, ट्रंप मुस्लिम देशों के खिलाफ मुश्किल फैसले ले रहा है, पाकिस्तान के कदमों के बारे में खुले तौर पर बात भी हो रही है। इसलिए यह विचार का विषय है। अन्य सरकारी अधिकारियों ने हाल ही में कहा है कि पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए भारत द्वारा चलाए गए वृहद कूटनीतिक अभियान ने नुकसान पहुंचाया है।

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