Tuesday, April 16, 2024
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फिलीपींस: 27 साल बाद हीरोज कब्रिस्तान में दफनाए गए पूर्व तानाशाह मार्कोस

फिलीपींस के पूर्व तानाशाह व राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस को शुक्रवार को मनीला में विवादों के बीच हीरोज कब्रिस्तान में दफना दिया गया। उन्हें दफनाए जाने की आधिकारिक घोषणा कुछ घंटे पहले ही की गई।

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 18, 2016 20:05 IST
Ferdinand Marcos | AP File Photo- India TV Hindi
Ferdinand Marcos | AP File Photo

मनीला: फिलीपींस के पूर्व तानाशाह व राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस को शुक्रवार को मनीला में विवादों के बीच हीरोज कब्रिस्तान में दफना दिया गया। उन्हें दफनाए जाने की आधिकारिक घोषणा कुछ घंटे पहले ही की गई। मार्कोस पर हजारों लोगों को अवैध हिरासत में रखने, उन्हें यातना देने और लगभग 10 अरब डॉलर के सरकारी धन का गमन करने का आरोप था। मार्कोस को 1986 में देश से निर्वासित होना पड़ा था और अमेरिका में निर्वासन के दौरान ही 1989 में उनकी मौत हो गई थी।

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मार्कोस का शव हेलीकॉप्टर के जरिए हीरोज कब्रिस्तान पहुंचा। तानाशाह के जुल्मों से पीड़ित लोगों के साथ टकराव से बचने के लिए फिलीपींस के राष्ट्रीय पुलिस बल के सैकड़ों जवानों के सुरक्षा घेरे में पूर्व राष्ट्रपति को एक निजी सैन्य समारोह के बीच दफनाया गया। स्थानीय मीडिया ने कब्रिस्तान के बाहर से समारोह का सीधा प्रसारण किया। उनकी बेटियों में से एक ईमी द्वारा फेसबुक पर तस्वीरें पोस्ट की गईं। पूर्व तानाशाह की विधवा इमेल्डा मार्को काले कपड़े पहने समारोह में शामिल हुईं। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आदेश जारी होने पर 10 दिनों के बाद मार्कोस को दफनाया गया। उनके परिवार के विरोधी लोगों के अनुसार, यह फैसला देश के कानून के खिलाफ है।

फिलीपींस की उपराष्ट्रपति लेनी रॉब्रेडो ने शुक्रवार को कहा कि वह भी सशस्त्र बलों और देश की राष्ट्रीय पुलिस के सहयोग से अंतिम संस्कार की प्रकिया संपन्न होने से बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया की अच्छी तरह अवहेलना की गई। रॉब्रेडो के मुताबिक, ‘मार्कोस नायक नहीं हैं। अगर वह होते तो उनके परिवार को एक शर्मिंदगी भरे अपराध की तरह उनके अंतिम संस्कार को छुपाना नहीं पड़ता।’ मार्कोस के आलोचक कुछ समूहों ने घोषणा की है कि वे पूर्व तानाशाह के अंतिम संस्कार का शुक्रवार व सप्ताहांत के बाद भी विरोध करेंगे और वे उनके (मार्कोस) दफनाए गए अवशेष को निकाले जाने लिए भी न्यायिक अपील दायर करेंगे।

मार्कोस के परिवार की तरफ से आग्रह किए जाने पर राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते ने अगस्त में हीरोज कब्रिस्तान में पूर्व तानाशाह को दफनाए जाने का आदेश दिया था। हालांकि, इससे पहले मार्कोस के परिवार के आग्रह को कई बार ठुकरा दिया गया था। फिलीपींस पर दो दशक से अधिक तानाशाही रवैये के साथ शासन करने वाले मार्कोस को फरवरी 1986 में हुए शांतिपूर्ण विरोध के बाद अपने पद से हटना पड़ा था। निर्वासन के तीन साल बाद उनका निधन हो गया।

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