इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ को फील्ड मार्शल के तौर पर प्रमोट करने की याचिका को शुक्रवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। राहील शरीफ कुछ हफ्ते बाद 27 नवंबर को पाकिस्तानी सेना के जनरल के पद से रिटायर होने वाले हैं।
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मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस आमिर फारूक ने कहा कि इस सिलसिले में विधायिका को निर्देश देने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं है। एक पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट की खबर के मुताबिक, जस्टिस फारूक ने जब याचिकाकर्ता के वकील राजा सैम्युएल हक सत्ती से पूछा कि क्या कोई कानून है जिसके तहत संघ सरकार को जनरल राहील को फील्ड मार्शल के तौर पर प्रमोट करने के लिए कहा जा सकता है तो उन्होंने कहा कि संघ सरकार इसके लिए नया कानून बना सकती है।
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अपने आदेश में जस्टिस फारूक ने कहा, ‘कोई कानून बनाने के लिए विधायिका को आदेश जारी नहीं किया जा सकता।’ आदेश में कहा गया कि याचिका में कोई दम नहीं है और इसे खारिज किया जाता है। याचिकाकर्ता सरदार अदनान सलीम ने जनरल राहील (60) को व्यापक देशहित में फील्ड मार्शल के पद पर तैनात करने के लिए हाई कोर्ट का सहयोग मांगा था। याचिकाकर्ता ने राहील को प्रमोट करने के लिए तमाम कारण गिनाए थे जिनमें आतंकियों के खिलाफ सेना की कार्रवाई और भारत के खिलाफ युद्ध में शरीफ के भाई का अपने देश के लिए जान देना भी शामिल था।