इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार ने अफगानिस्तान विषयक सम्मेलन के लिए अमृतसर की अपनी यात्रा से पहले आज संसद से कहा कि पाकिस्तान भारत से वार्ता को तैयार है बशर्ते कश्मीर मुद्दा उसका हिस्सा हो। नियंत्रण रेखा की स्थिति पर बहस के दौरान नेशनल एसेम्बली में अजीज ने कहा कि पाकिस्तान अपनी सीमा को सुरक्षित रखने में पूरी तरह समर्थ है और वह किसी भी स्थिति में भारतीय प्रभुत्व या वर्चस्व को स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस शर्त पर भारत के साथ वार्ता को तैयार हैं कि कश्मीर मुद्दा भी उसमें शामिल किया जाए।’’ अजीज हर्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगले हफ्ते अमृतसर की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन जारी रखेगा जो पूर्णत: मूल है और उसकी अगुवाई कश्मीरी युवा करते हैं।’ अजीज ने कहा, ‘हम उन्हें (कश्मीरियों को) अंतरराष्ट्रीय एवं द्विपक्षीय मंचों पर राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेंगे।’
अजीज ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय आक्रामक कार्रवाई का करारा जवाब देगा। भारत कश्मीर में अपने अत्यारों से ध्यान बंटाने के लिए नियंत्रण रेखा पर स्थिति गरमा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पी-5 के देशों के विदेश मंत्रियों को नागरिकों पर कथित भारतीय ‘अत्याचार’ से अवगत कराने के लिए उन्हें पत्र लिखा है। पाकिस्तान ने कभी नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जबकि भारतीय पक्ष जानबूझकर नागरिकों को निशाना बना रहा है।
अजीज ने कहा कि लेकिन पाकिस्तान शांतिपूर्ण पड़ोस की नीति पर चलता रहेगा।रक्षा मंत्री खवाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल देश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत में ‘आजादी के कई आंदोलन’ चल रहे हैं और वह ‘कश्मीर की आजादी के आंदोलन को सफल’ नहीं होने दे सकता क्योंकि तब यह उस देश का अंत होगा।
उन्होंने कहा, ‘यदि कश्मीर आंदोलन अपने तार्किक परिणति पर पहुंचता है तो अन्य आंदोलन भी सफल होंगे। यह भारतीय राज्य का नाश होगा।’ आसिफ ने भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा, ‘हमारे पास हमारी सरजमीं में भारतीय दखल का स्पष्ट सबूत है और इस संबंध में विश्व बिरादरी को डोजियर सौंपे गए हैं।’