Friday, April 19, 2024
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चीन-पाकिस्तान के CPEC प्रॉजेक्ट का काम ठप, भारत को है परियोजना पर आपत्ति

चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के एक अहम हिस्से का काम पैसे की कमी के कारण ठप पड़ गया है...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 13, 2017 19:48 IST
Representative Image | AP Photo- India TV Hindi
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इस्लामाबाद: चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के एक अहम हिस्से का काम पैसे की कमी के कारण ठप पड़ गया है। भारत इस प्रॉजेक्ट पर शुरू से ही आपत्ति दर्ज करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से गुजरता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रॉजेक्ट में 660 केवी हाई-वॉल्टेज डायरेक्ट कंरट (HVDC) ट्रांसमिशन लाइन बनाने का काम लगभग बंद हो गया है। लाहौर से मतिआरी के बीच 878 किमी की यह ट्रांसमिशन लाइन CPEC प्रॉजेक्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

PoK से गुजरने के कारण भारत इस प्रॉजेक्ट पर इसलिए आपत्ति जताता रहा है क्योंकि वह किसी भी ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हो। हालांकि इस प्रॉजेक्ट के ठप पड़ने के पीछे भारत की आपत्ति नहीं बल्कि फंड की कमी है। चीनी कंपनी और पाकिस्तान के बीच फंड को लेकर विवाद पैदा हो गया है, जिसकी वजह से प्रॉजेक्ट का काम रुक गया है। पैसे की कमी की वजह से कंपनी को परियोजना के तहत पावर प्लांट्स बनाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

खास बात यह है कि जब तक चीनी कंपनी इस काम को पूरा नहीं कर लेगी, पाकिस्तान सरकार भी CPEC के तहत कोई नया समझौता नहीं करेगी। पाकिस्तान और चीन का यह प्रॉजेक्ट शुरू से ही विवादों में रहा है। इस प्रॉजेक्ट के लिए बलूचिस्तान के लोगों के मानवाधिकारों के हनन का आरोप भी लगता रहा है। 5,000 किलोमीटर लंबा यह प्रॉजेक्ट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के जरिए चीन के पिछड़े पश्चिमी इलाके को अरब सागर स्थित पाकिस्तान के ग्वादर समुद्री तट से जोड़ेगा। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस प्रॉजेक्ट के जरिए उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, वहीं चीन का सोचना है कि वह इस प्रॉजेक्ट के जरिए वह बिजनस के साथ-साथ इस इलाके में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।

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