Wednesday, April 24, 2024
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सिक्किम में भारत-चीन गतिरोध कम करने में डोभाल की यात्रा अहम: चीनी विश्लेषक

एक चीनी विश्लेषक के मुताबिक, BRICS राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बीजिंग यात्रा भारत और चीन के बीच डोकलाम में जारी सैन्य गतिरोध को कम करने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: July 22, 2017 19:27 IST
Ajit Doval and Yang Jiechi | PTI Photo- India TV Hindi
Ajit Doval and Yang Jiechi | PTI Photo

बीजिंग: एक चीनी विश्लेषक के मुताबिक, BRICS राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बीजिंग यात्रा भारत और चीन के बीच डोकलाम में जारी सैन्य गतिरोध को कम करने में महत्वपूर्ण हो सकता है। डोभाल को इस बैठक के लिए 27-28 जुलाई को चीन आना है। बैठक की मेजबानी उनके चीनी समकक्ष एवं स्टेट काउंसलर यांग जीइची करेंगे। यह बैठक ब्रिक्स देशों, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका, के सितंबर में शियामेन शहर में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन से पहले अधिकारियों की बैठकों की सीरीज का एक हिस्सा है। शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

थिंकटैंक चाइना रिफॉर्म फोरम के एक रिसर्च फेलो मा जियाली ने कहा कि डोभाल का दौरा अहम हो सकता है और भारत तथा चीन के बीच तनाव कम करने का एक अवसर बन सकता है। उनकी यह टिप्पणी शनिवार को कम्युनिस्ट पार्टी मीडिया ग्रुप के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में आई है जो सामान्य तौर पर सााधारी पार्टी के नजरिए को व्यक्त करता है। दोनों देशों में तनाव के बीच इस अखबार में हाल के हफ्तों में कई बार भारत विरोधी बयानबाजी हुई है। तिब्बत के दक्षिणी हिस्से में स्थित डोकलाम में चीनी और भारतीय सैनिक एक महीने से ज्यादा समय से आमने-सामने डटे हैं। डोकलाम पर भारत का सहयोगी देश भूटान भी अपना दावा जताता है। भारतीय सैनिकों ने इस विवादित क्षेत्र में चीनी सेना को सड़क बनाने से रोका था।

डोभाल और जीइची भारत और चीन सीमा वार्ता के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधि हैं। दोनों पक्ष सीमा विवाद को हल करने के लिए अब तक 19 दौर की वार्ता कर चुके हैं। चीनी अधिकारियों ने कहा कि डोभाल और जीइची के बीच सिक्किम सेक्टर के दोकलाम इलाके के गतिरोध को दूर करने के लिये अनौपचारिक बातचीत हो सकती है। मा ने कहा कि डोभाल के दौरे के दौरान चीन इस उम्मीद के साथ मुद्दा उठाएगा कि वह तनाव कम करने के लिए उपाय कर सकते हैं। भारत अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिये सौदेबाजी के तौर पर कुछ अनुरोध कर सकता है। बहरहाल, उन्होंने आगाह किया कि अगर दोनों पक्ष इस मुद्दे पर किसी सहमति तक नहीं पहुंच पाते हैं तो चीन और भारत के बीच के रिश्ते ज्यादा बिगड़ सकते हैं।

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