काठमांडू: नेपाल में स्थानीय निकाय के चुनाव के अंतिम चरण के मतदान में सोमवार को करीब 73 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राजनीतिक संकट के बीच लोकतंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से दो दशक में पहली बार स्थानीय निकाय के चुनाव हुए हैं। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर तीसरे और अंतिम चरण का मतदान शांतिपूर्ण रहा। मतदान सुबह 7 बजे आरंभ हुआ और शाम 5 बजे तक चला। चुनाव आयोग के अनुसार करीब 73 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
अधिकारियों के मुताबिक प्रांत 2 के 8 जिलों की 136 स्थानीय इकाइयों के मतदाताओं ने मतदान किया। कुल 6,627 प्रतिनिधियों का चुनाव होना है। 8 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया। 37,236 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 60,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। निर्वाचन आयोग ने कहा की सुरक्षा चुनौतियों से निबटने के लिए भारत के साथ लगी सीमा बिंदुओं को बंद कर दिया गया था। नेपाल सरकार ने 20 फरवरी को घोषणा की थी कि वह 14 मई को स्थानीय चुनाव करवाने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, मधेस-केंद्रित दलों में चुनावों का विरोध किया था और तर्क दिया था कि चुनाव से पहले संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए।
इस चुनौती को देखते हुए चुनाव आयोग ने प्रांत-2 को छोड़कर अन्य प्रांतों में 2 चरणों में स्थानीय चुनाव कराए थे। 6 मधेस दलों के विलय से बनी राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल ने पहले और दूसरे चरण के चुनाव का बहिष्कार किया था। मधेसियों ने नए संविधान को लागू करने के खिलाफ सितंबर 2015 से लेकर पिछले साल फरवरी तक एक लंबा आंदोलन किया था। उनका मानना है कि इससे तराई समुदाय के लोग हाशिए पर आ गए हैं।