Friday, March 29, 2024
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NASA के नक्शे में ज्यादा चमकदार दिखा भारत, बुरी तरह चिढ़ गया चीन

भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर गतिरोध जारी है, ऐसे में NASA के एक नक्शे ने चीन को बुरी तरह से चिढ़ा दिया है। दरअसल, अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एक चित्र जारी किया जिसमें भारत में चीन के मुकाबले बिजली की चमक ज्यादा दिख रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 22, 2017 18:47 IST
NASA Map- India TV Hindi
NASA Map

बीजिंग: भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर गतिरोध जारी है, ऐसे में NASA के एक नक्शे ने चीन को बुरी तरह से चिढ़ा दिया है। दरअसल, अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एक चित्र जारी किया जिसमें भारत में चीन के मुकाबले बिजली की चमक ज्यादा दिख रही है। इस नक्शे पर चीन की झल्लाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह खुद को ज्यादा बेहतर साबित करने के लिए अनाप-शनाप तर्क दे रहा है। चीन यह साबित करने में पूरा जोर लगा रहा है कि नक्शे में भारत के चीन से ज्यादा चमकदार दिखने का मतलब यह नहीं कि भारत में चीन से ज्यादा बिजली है।

NASA ने हाल ही में अपने अर्थ सिटी लाइट्स प्रोजेक्ट के एक नक्शे में विद्युतीकरण को दिखाने के लिए एक नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में भारत रात के समय में चीन से ज्यादा चमकदार नजर आ रहा है। इस नक्शे पर चीन की वेबसाइट पीपल्स डेली का कहना है कि इस नक्शे में चीन को भारत से ज्यादा चमकदार दिखना चाहिए था क्योंकि उनके देश ने भारत से ज्यादा विद्युतीकरण किया है। ऑनलाइन पीपल्स डेली में 'मैप पर चीन से ज्यादा चमकता है भारत लेकिन यह सच नहीं' शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इस वेबसाइट ने स्टेट ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ चाइना की तरफ से भारत से इस मामले में आगे होने के कई कारण गिनाए हैं।

चीनी मीडिया ने दिए हास्यास्पद तर्क

एक चीनी मीडिया संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में मैदानी इलाके चीन की तुलना में ज्यादा हैं और यह तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से प्रकाश ज्यादा चमकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय भूमि का 40% हिस्सा समतल है और दकन के पठार का विस्तार बहुत ज्यादा नहीं है जबकि चीन में समतल भूमि केवल 12 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया कि चीन की अधिकांश भूमि पहाड़ी और पठारी है जिसकी वजह से चीन के पश्चिमी और उत्तरी इलाके कम चमकदार नजर आते हैं।

फिर दिया ‘राउंड लाइट्स’ का कुतर्क
इसके बाद चीन ने और भी कुतर्क गढ़े। चीनी ग्रिड कार्पोरेशन ने कहा कि नक्शे में भारत इसलिए भी ज्यादा चमकदार नजर आता है क्योंकि भारत गांवों का देश है और गांवों में ज्यादा स्पेस होता है जबकि चीन में बड़े-बड़े शहर हैं और राउंड लाइट्स हैं जो तीव्र प्रकाश नहीं देती हैं। चीन के कहने का मतलब यह था कि खुले इलाके से बिजली ज्यादा साफ दिखती है जबकि चीन के शहरी इलाके में बिजली का वह फैलाव नहीं दिखता। हालांकि इसके बाद चीन ने अपनी ही बात को नकारते हुए कहा कि नक्शे में बिजली की तीव्रता नहीं दिखाई जा सकती

फिर दिए विद्युतीकरण के ‘आंकड़े’
चीनी मीडिया को इतने पर भी संतोष नहीं हुआ और उसने भारत के विद्युतीकरण के आंकड़े जारी किए। हालांकि यहां चालाकी दिखाते हुए चीन ने पुराने आंकड़े पेश किए। चीनी मीडिया ने भारतीय मीडिया की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में 30 करोड़ भारतीय और 18,000 गांव बिजली से महरूम हैं। हालांकि चीन द्वारा दिए गए ये आंकड़े पुराने थे। दरअसल भारत सरकार ने 2015 में 18,452 गांवों तक बिजली पहुंचाने की योजना बनाई थी जिनमें से लगभग 13,00 गांवों तक बिजली पहुंच गई है। हालांकि चीन ने इस छोटी-सी बात पर इतनी ज्यादा छटपटाहट दिखाई कि अपने को ‘बेहतर’ साबित करने के लिए तमाम उल्टे-सीधे तर्क गढ़ दिए।

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