इस्लामाबाद: कश्मीरी अलगाववादी नेता और आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदिन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने जम्मू एवं कश्मीर को भारत से अलग करने में मदद करने के लिए पाकिस्तान से 'सैन्य समर्थन' देने का आग्रह किया है। एक पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक सलाहुद्दीन ने कहा, ‘कश्मीर मुद्दा वार्ताओं या प्रस्तावों के जरिए हल होने नहीं जा रहा है। पाकिस्तान को चाहिए कि वह मुजाहिदीनों को संसाधन उपलब्ध कराकर कश्मीरियों का सैन्य समर्थन करे।’
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हिज्बुल मुजाहिदिन जैसे खतरनाक आतंकी संगठन के मुखिया सलाहुद्दीन का यह बयान पाकिस्तान के उस दावे की भी पोल खोलता है जिसमें वह कहता रहा है कि उसकी जमीन से आतंकी गतिविधियों को समर्थन नहीं दिया जाता। आतंकी संगठन के आका जिस तरह से पाकिस्तानी आर्मी के बारे में बात करते हैं, उससे इस बात को और मजबूती मिलती है कि वहां की सेना आतंकियों की मदद करती रही है। इस बार युनाइटेड जिहाद काउंसिल (UGC) के चेयरमैन सैयद सलाहुद्दीन ने कहा, ‘अगर मुजाहिदीन को सैन्य समर्थन मिलता है तो न केवल कश्मीरी आजादी हासिल करेंगे, बल्कि उपमहाद्वीप का नक्शा भी बदल जाएगा।’
‘सिर्फ बंदूकों के दम पर मिलेगी आजादी’
सलाहुद्दीन ने विस्तारपूर्वक बताने से इनकार कर दिया कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों को किस तरह के सैन्य समर्थन की जरूरत है, जहां अलगाववादी साल 1989 से अभियान चला रहे हैं, जिसमें हजारों लोग मारे जा चुके हैं। भारत आरोप लगाता रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए पाकिस्तान आतंकियों को प्रशिक्षण, धन और हथियार दे रहा है। पाकिस्तान कहता है कि वह विद्रोहियों को केवल राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन देता है। वर्षो से पाकिस्तान में रह रहे सलाहुद्दीन ने कहा, ‘जब दुनिया हमलोगों पर ध्यान नहीं दे रही है, तब हमलोगों के लिए सशस्त्र संघर्ष ही एकमात्र विकल्प बचा है।’'सर्जिकल स्ट्राइक' का भी उड़ाया मजाक
सलाहुद्दीन ने भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक का भी मजाक बनाया और कहा कि इंडियन आर्मी में इतनी हिम्मत ही नहीं है कि वह लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर सके। मूल रूप से जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले का रहने वाला सलाहुद्दीन साल 1987 में जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा के चुनाव में हार गया था। इसके बाद में वह पाकिस्तान चला गया। सैयद सलाहुद्दीन आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ-साथ युनाइटेड जिहाद कौंसिल का भी प्रमुख है। इस संगठन के तहत अलगाववादियों को पाकिस्तान का समर्थन मिलता है।