बीजिंग: जहां एक ओर भारत एयरक्राफ्ट के लिए रूस जैसे बड़े-बड़े देशों पर निर्भर है वहीं हाल ही में चीन ने बुधवार को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियार लॉन्च किया है। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक पूरी तरह देश में डिजाइन इस एयरक्राफ्ट कैरियर को डालियान के उत्तर-पूर्व बंदरगाह पर बनाया गया है। इस एयरक्राफ्ट कैरियर के निर्माण का काम नवंबर 2013 में शुरू हुआ था। चीनी सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह चीन का दूसरा विमानवाहक पोत है, जिसका अभी नाम नहीं रखा गया है।(अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए रूस बना रहा है 'महाजहाज')
जहाज को लियाओनिंग, डालियान शिपयार्ड से पास के तट पर लाया गया था। विमानवाहक पोत कथित तौर पर लियाओनिंग से ज्यादा उन्नत होगा, जो 25 साल पहले निर्मित किया गया यूक्रेन से खरीदा नवीनीकृत सोवियत जहाज है।
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस एयरक्राफ्ट कैरियर के 2020 तक सर्विस शुरू करने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि इसे पूरी तरह से शुरू होने में वक्त लगेगा। बीजिंग का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर लियोनिंग सेकंड हैंड सोवियत बिल्ट शिप था, जिसे 25 साल पहले बनाया गया था। बड़ी मरम्मत के बाद लियोनिंग 2012 में कमीशंड हुआ था। चीन के एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने कहा, 'चीन ने जिस आधा तैयार कैरियर को लॉन्च किया है वह असल में बहुत अधिक महत्व नहीं रखता। भारत के लिए चीन के वैश्विक समुद्री क्षेत्र में बढ़ रही ताकतवर दखल को भारत नजरअंदाज नहीं कर सकता। 2009 से ही भारत के लिए यह चिंता का प्रमुख विषय बना हुआ है। चीन के पास पाकिस्तान का ग्वादर पोर्ट है। साथ ही डजिबोती में भी नौसेना बेस तैयार है।' ये हैं इस एयरक्राफ्ट की खास बातें