Thursday, April 25, 2024
Advertisement

इस्लामी चरमपंथियों के हमलों के बाद खौफ में जी रहे हैं बांग्लादेश के ईसाई

बांग्लादेश के ईसाइयों का कहना है कि मुस्लिम बहुल इस देश में उन्हें अपने धर्म का पालन करने में इतनी परेशानी कभी नहीं हुई जितनी अब हो रही है...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 26, 2017 17:40 IST
Representative Image | AP Photo- India TV Hindi
Representative Image | AP Photo

नागोरी: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालिया हमलों के बाद ईसाई समुदाय के लोग दहशत के साए में जी रहे हैं। बांग्लादेश की आजादी के लिए बिधान कमल रोजारियो ने भी लड़ाई में हिस्सा लिया था लेकिन अब वह तथा उसके जैसे कई अल्पसंख्यक इस देश में इस्लामी चरमपंथ के सिर उठाने के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पोप 30 साल से अधिक समय के बाद बांग्लादेश की यात्रा पर आने वाले हैं और देश का कैथोलिक समुदाय उनका बेसब्री से इंतजार कर रहा है। देश में इस समुदाय की आबादी कम है। इन लोगों का कहना है कि मुस्लिम बहुल इस देश में उन्हें अपने धर्म का पालन करने में इतनी परेशानी कभी नहीं हुई जितनी अब हो रही है।

ईसाई समुदाय के नेताओं का कहना है कि हालिया वर्षों में समुदाय के कई लोग देश छोड़ कर चले गए हैं क्योंकि वे लोग खुद को लगातार इस्लामवादियों के निशाने पर पाते रहे हैं। पिछले वर्ष इस्लाम से ईसाई धर्म अंगीकार करने वाले 2 व्यक्तियों को मार डाला गया। एक कैथोलिक पंसारी की इस्लामी चरमपंथियों ने निर्मम हत्या कर दी। इन लोगों ने हिंदुओं और अन्य समुदायों को भी निशाना बनाया। अब 65 साल के हो चुके रोजारियो ने कहा, ‘मुक्ति संग्राम के दौरान हम एक ऐसा खूबसूरत बांग्लादेश चाहते थे जो हर नस्ल, आस्था, धर्म के लोगों को समान भाव से स्वीकार करे।’ उन्होंने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान की आजादी के लिए हुई लड़ाई में हिस्सा लिया था।

उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने लिए कोई लाभ नहीं चाहा सिवाय इसके कि मुझे समान अधिकार मिलें। लेकिन अब मुझे नहीं लगता कि यहां हमारे लिए कोई समानता है।’ बांग्लादेश की 16 करोड़ की आबादी में ईसाइयों की संख्या 0.5 फीसदी से भी कम है। ये लोग स्थानीय मुस्लिम आबादी के साथ दशकों से मिल-जुलकर रहते आए हैं।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement