Friday, April 19, 2024
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...जब कारगिल युद्ध रोकने के लिए अटल ने ली थी दिलीप कुमार की मदद

लाहौर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल युद्ध के दौरान पाक पीएम नवाज शरीफ ने फोन पर बात की। उस समय वाजपेयी बहुत ज्यादा गुस्सा थे और उन्होंने फोन पर ही नवाज

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: July 26, 2017 9:28 IST
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लाहौर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल युद्ध के दौरान पाक पीएम नवाज शरीफ ने फोन पर बात की। उस समय वाजपेयी बहुत ज्यादा गुस्सा थे और उन्होंने फोन पर ही नवाज शरीफ को लताड़ा था। वाजपेयी ने उस दौरान नवाज शरीफ की बात बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार से भी करवाई थी। यह दावा पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी नई किताब में किया है।

खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब में पीएन नवाज शरीफ के पूर्व मुख्य सचिव सईद मेहंदी के हवाले से लिखा है कि मेंहदी ने उन्हें बताया था कि मई 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान एक बार वे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बैठे हुए थे तभी टेलीफोन की घंटी बजी। प्रधानमंत्री के एडीसी ने फोन उठाया और कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उनसे तुरंत बात करना चाहते हैं।

फोन पर बातचीत के दौरान वाजपेयी ने शरीफ से अपनी लाहौर यात्रा का जिक्र करते हुए उनकी कारगिल युद्ध को लेकर निंदा की। कसूरी ने अपनी किताब ‘नीदर अ हॉक नॉर अ डव’ में लिखा है कि फोन पर वाजपेयी की बातें सुनकर नवाज शरीफ काफी आश्चर्यचकित दिख रहे थे। वाजपेयी ने उनसे कहा कि लाहौर में इतने भव्य स्वागत के बाद उन्हें उनसे यह उम्मीद नहीं थी। शरीफ ने उनसे कहा कि वाजपेयी जो कह रहे हैं उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। नवाज शरीफ ने वाजपेयी से फोन पर कहा कि उन्हें कारगिल के बारे में कुछ पता नहीं है और आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ से बात करने के बाद वे फोन करेंगे। लेकिन इससे पहले कि फोन पर बातचीत खत्म हो, वाजपेयी ने शरीफ से कहा कि उनके सामने कोई शख्स बैठे हैं और वो नवाज शरीफ से बात करना चाहते हैं।

कसूरी ने अपनी किताब में लिखा है कि फोन पर मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार की आवाज सुनकर नवाज शरीफ भौंचक्के से हो गए। (दिलीप कुमार पेशावर के रहने वाले थे और उनका असली नाम यूसुफ खान था)। दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से कहा, 'मियां साहब हम आपकी तरफ से ऐसी उम्मीद नहीं करते थे, क्योंकि आपने हमेशा कहा है कि आप भारत और पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं।'

दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से कहा कि एक बात मैं आपको बताना चाहूंगा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव होता है तो भारतीय मुस्लिम अपने आप को बेहद असुरक्षित महसूस करते हैं और अपने घर से निकलने में भी डरते हैं। इसलिए आप इसे रोकने के लिए कुछ कीजिए। दिलीप कुमार को पाकिस्तान की तरफ से सबसे बड़े सिविलियन सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' से सम्मानित किया गया था।

कसूरी ने इस घटना का जिक्र करते हुए माना है कि दिलीप कुमार ने बेहद मार्के की बात कही थी, जब उनके जैसा नामी शख्स भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान एक मुस्लिम होने के नाते असुरक्षित महसूस करता है तो भारत में आम मुसलमानों की हालत क्या होगी। पूर्व विदेश मंत्री ने अपनी किताब में स्वीकार किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी की बजाए दोस्ती का रिश्ता बनाना बिल्कुल मुमकिन है और यह दोनों ही देशों के अल्पसंख्यकों की स्थिति के लिए काफी सकारात्मक होगा।

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