राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों के कई ठिकानों पर परमाणु हमला करने के चेतावनी देकर दुनिया भर में खलबली मचा दी है। पुतिन की यह चेतावनी पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन में नाटों की ओर से सैनिक भेजे जाने के ऐलान के बाद आई है। पुतिन ने कहाकि यूरोप और पश्चिम ने यदि ऐसी गलती की तो परमाणु युद्ध हो सकता है।
मुख्य समस्या यह है कि यूक्रेन को समर्थन देने की महज बयानबाजी न केवल निरर्थक है, बल्कि प्रतिकूल भी है। वे आवश्यक क्षमताएं प्रदान किए बिना युद्ध के जीतने योग्य होने की मृगतृष्णा को कायम रखते हैं। जैसा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने 17 फरवरी को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भी कहा था।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले यूरोपीय संघ ने जेलेंस्की के लिए आखिरकार अपना खजाना खोल दिया है। रूसी सेना से जंग लड़ते अभावग्रस्त यूक्रेनी सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए यूरोपी संघ ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को 50 अरब यूरो का बड़ा रक्षा सहायता पैकेज दिया है। इसकी जेलेंस्की को बेहद जरूरत भी थी।
क्रिसमस पर्व की तैयारियों के उत्साह के बीच यूरोप पर बड़े आतंकी हमले की चेतावनी ने लोगों की नींद उड़ा दी है। यूरोपियन यूनियन ने चेतावनी दी है कि क्रिेसमस पर यूरोप में बड़ा आतंकी हमला होने का खतरा है।
ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चर्चा में आई महसा अमीनी भले ही इस दुनिया में अब नहीं रही हों, लेकिन वह मुस्लिम महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का सलीका सिखा गईं। हिजाब के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने वाली अमीनी को अब मरणोपरांत मानवाधिकार के बड़े पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
यूरोपीय देशों का समर्थन कम होने से यूक्रेन रूस के साथ जंग में ठंडा पड़ने लगा है। जेलेंस्की इस बात से परेशान हैं कि अब आगे उन्हें युद्धक सामग्री कैसे मिलेगी। सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही मजबूती से जेलेंस्की को समर्थन दे रहे हैं। बाकी देश अब सोचने लगे हैं कि आखिर जेलेंस्की को कब तक वह हथियार देते रहेंगे।
जी-20 में अफ्रीकी संघ को स्थाई सदस्य बनवाने के लिए अधिकांश सदस्यों की सहमति प्राप्त करके भारत ने चीन को बड़ा झटका दिया है। चीन नहीं चाहता था कि भारत की पैरवी पर अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थाई सदस्य बनाया जाए। मगर पीएम मोदी ने ये कर दिखाया है। इससे अफ्रीकी देशों में भारत और मजबूत होगा।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर पहली बार बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। हालांकि पुतिन ने इसके लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। क्योंकि उन्होंने साफ कहा कि रूस उस युद्ध को खत्म करना चाहता है, जिसे पश्चिम द्वारा फैलाया गया है।
अमेरिका और यूरोप में मंदी और महंगाई के चलते ब्याज दरों में वृद्धि पर भारत का रिजर्व बैंक भी कड़ी नजर रखे हुए है। रिजर्व बैंक ने पिछली दो बैठकों में ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की है।
भारत ने यूरोपीय यूनियन के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा पर यूरोपियन संसद में पारित प्रस्ताव को खराब मानसिकता से प्रेरित बताया। भारत ने कहा कि आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं की जानी चाहिए। यूरोप अपना काम देखे।
रूस-यूक्रेन युद्ध को 16 माह हो चुके हैं। इस दौरान सबसे बड़ा घटनाक्रम रूस की निजी सेना वैगनर ग्रुप का पुतिन से बगावत होना है। इससे यूक्रेन को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन अचानक येवगिनी प्रिगोझिन ने पुतिन से सशस्त्र विद्रोह को वापस ले लिया। अब यूरोपीय संघ और नाटो पुतिन की ताकत का आकलन नहीं कर पा रहा।
कच्चे तेल के कारोबार पर रोकथाम लगाने की यूरोपीयन यूनियन (EU) की कोशिशों के बीच भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोपीय संघ को ऐसा करारा जवाब दिया है कि EU की बोलती बंद हो गई।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की राह पर चलते हुए बृहस्पतिवार को नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की कथित हत्या के प्रयास के मद्देनजर क्रेमलिन पर हुए ड्रोन हमले ने यूक्रेन पर भीषण पलटवार की आशंका बढ़ा दी है। इससे सिर्फ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ही नहीं, बल्कि पूरा यूरोपीय संघ घबरा गया है। अमेरिका भी रूस के पलटवार की आशंका को भांप चुका है।
अपने दोस्त रूस को फायदा पहुंचाने और खुद भी लाभ कमाने के लिए भारत ने नई तरकीब निकाली। वह रूसी तेल का कई गुना आयात बढ़ा चुका है। अब इसी रूसी कच्चे तेल को भारत की तेलशोधक कंपनियों ने प्रोसेस करके यूरोप को बेच दिया।
बेंगलुरु में चल रही जी-20 बैठक के दौरान रूस ने पश्चिमी देशों, अमेरिका और जी7 देशों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रूस ने कहा कि हमें अफसोस है कि जी20 की गतिविधियां सामूहिक रूप से पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर की जा रही हैं और रूस विरोधी पूरी तरह से टकरावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की औचक यूक्रेन यात्रा के 24 घंटे के अंदर ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। पुतिन ने कहा कि हम इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे।
रूस और यूक्रेन युद्ध के 24 फरवरी को 1 वर्ष हो जाएंगे। मगर अभी तक यह किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। इधर युद्ध लंबा खिंचने के लिए रूस ने पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया है। रूस का कहना है कि अमेरिका और पश्चिमी देश नहीं चाहते कि यूक्रेन युद्ध खत्म हो।
रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए 1 वर्ष होने को हैं, लेकिन अभी तक इस तबाही का कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा। पश्चिमी देश और यूरोपीय संघों की ओर से अब तक युद्ध को रोकने की कोई पहल नहीं की गई है। यही वजह है कि इस युद्ध का अब तक कोई शांति का रास्ता नहीं खोजा जा सका है।
पश्चिमी देशों की लामबंदी देखने के बाद रूस ने कहा है कि पश्चिमी देश मिलकर उसे नष्ट करना चाहते हैं। इसीलिए वह यूक्रेन को लगातार हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं। मगर रूस हर हाल में अपनी रक्षा करेगा। वह अपनी पहचान और भविष्य की रक्षा करने में सक्षम है।
संपादक की पसंद