Friday, April 19, 2024
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Facebook के लिए काम करने वाली यह महिला कार में ही सोने को मजबूर, जानें क्यों

दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट Facebook के लिए काम करने वाली एक महिला अपनी कार में ही सोने के लिए मजबूर है।

IANS Reported by: IANS
Updated on: July 30, 2017 19:03 IST
Unique 'Pinky' Parsha | facebook- India TV Hindi
Unique 'Pinky' Parsha | facebook

सैन फ्रांसिस्को: दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट Facebook के लिए काम करने वाली एक महिला अपनी कार में ही सोने के लिए मजबूर है। दरअसल  सिलिकॉन वैली में घर ले पाने में असमर्थता की वजह से उनको ऐसे गुजर-बसर करना पड़ रहा है। वह कंपनी में ठेके पर काम करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, पार्शा नामक इस महिला के बाल, कार और कुत्ता सभी गुलाबी रंग के हैं, जिसके कारण इसे पिंकी नाम से पुकारा जाता है। इस महिला के ऊपर पहले से ही शिक्षा और चिकित्सा संबंधी कर्ज का बोझ लदा हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 'पिंकी' पार्शा ने कहा है, ‘मैं हमेशा लोगों से कहती हूं कि किसी ने जो कुछ पाया और बाहर की दुनिया में आप जो देखते हैं, उसे देखना बंद करो।’ सिलिकॉन वैली बिजनेस जर्नल के अनुसार, उत्तरी कैलिफोर्निया के पास में एक-बेडरूम के घर का औसत किराया 2,300 डॉलर प्रति माह है। 2 बच्चों की मां पार्शा इसे वहन नहीं कर सकती। इसलिए, वह अपनी कार में रहती है और उसने अपनी इस परिस्थिति के बारे में अभी तक अपने सहकर्मियो को नहीं बताया है। उन्हें डर है कि यदि उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसके कार्यस्थल पर उसे नीचा देखना पड़ सकता है। पार्शा ने कहा, ‘उन्हें यह जानकर अचम्भा होगा कि मैं इस तरह गुजर-बसर कर रही हूं, क्योंकि वे मुझे कार्यस्थल पर मुस्कराता हुआ देखना चाहेंगे और वे चाहेंगे कि मैं खुश दिखूं, सामान्य दिखूं और साफ-सुथरी दिखूं।’

लेकिन, अब उसका इरादा अपनी स्थिति लोगों के सामने लाने का है। इस उद्देश्य से कि सिलिकॉन वैली के आसपास के इलाके में अधिक किराए पर बहस शुरू हो। उसने कहा, ‘मुझे लगता है कि कंपनियों को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए कि जो वेतन वे कर्मचारियों को दे रहीं हैं, क्या वह कर्मचारियों को गुजारे के लिए पर्याप्त है?’ फेसबुक के अनुसार, कंपनी इस बात को समझती है और मानती है कि समाज के गरीब लोगों पर जीवन यापन की उच्च लागत का बोझा है। फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा है, ‘मेनलो पार्क मुख्यालय के पास रहने वाले समुदायों की सहायता कर फेसबुक सक्रिय और जिम्मेदार पड़ोसी की अपनी भूमिका के प्रति बचनबद्ध है।’ 

रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने सामुदायिक समूहों, परोपकार और कंपनियों को, अगले कुछ महीनों और वर्षो के दौरान क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने के किए जाने वाले एक प्रयास में योगदान के लिए प्रारंभिक तौर पर 2 करोड़ डॉलर का निवेश करने का वादा किया है। पार्शा के जीवन यापन की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर फेसबुक ने कहा कि वह कंपनी की कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि वह कंपनी से जुड़े एक कॉन्ट्रैक्टर के लिए काम करती हैं।

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