नागपुर की कंचनमाला पांडे ने गुरुवार को मैक्सिको में विश्व पारा तैराकी चैंपियनशिप में पोल पोज़ीशन हासिल कर इतिहास रच डाला. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला तैराक बन गईं हैं.
भारतीय रिज़र्व बैंक में काम करने वाली 26 साल की कंचनमाला एस-11 वर्ग में 200 मीटर मेडले का गोल्ड मैडल जीता लेकिन दुर्भाग्य से ब्रेस्टस्ट्रोक और बैकस्ट्रोक वर्ग में 100 मीटर में पांचवे स्थान पर रहीं.
कंचनमाला ने कहा, ''मैंने विश्व चैंपियनशिप के लिए ख़ूब तैयारी की थी और मुझे अच्छे प्रदर्शन और मैडल की उम्मीद थी लेकिन विश्व चैंपियनशिप में टॉप पोज़ीशन हासिल करना और गोल्ड मैडल जीतना आश्चर्यजनक है. मैं बहुत ख़ुश हूं."
कंचनमाला ने इस साल जुलाई में IDM बर्लिन पारा स्विमिंग चैंपिनशिप में रजत पदक जीतकर विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफ़ाई किया था. लेकिन बर्लिन में उनका अनुभव ख़राब रहा था. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने उन्हें ख़र्चे के लिए पैसा नहीं दिया था हालंकि प्राधिकरण को उन्हें स्पॉंसर करना था. उनके साथ गए अधिकारियों ने भी ये कहकर उन्हें पैसा नहीं दिया कि उनके बैंक खाते ब्लॉक हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा सरकार द्वारा प्रायोजित दौरा था. SAI ने पारालैंपिक कमिटी ऑफ़ इंडिया (PCI) को पैसा दिया था और हमें पत्र भी मिला था जिसमें आश्वासन दिया गया था कि ये पूरी तरह प्रायोजित दौरा है. लेकिन PCI ने बाद में उन्हों बताया कि वो उन्हें पैसा नहीं दे सकते क्योंकि उनके बैंक खाते ब्लॉक हैं. मुझे 5 लाख रुपये का कर्ज़ लेना पड़ा जो ख़ुशक़िस्मती से एक दिन में मिल गया.
कंचनमाला को बिना टिकट यात्रा करने के लिए फ़ाइन भी देना पड़ा. उनके कोच ने उन्हें टिकट नहीं दिया था हालंकि ये उनकी ज़िम्मेदारी थी.