नयी दिल्ली: साउथ अफ़्रीका को टेस्ट सिरीज़ में 3-0 से हराना टीम इंडिया की 2015 की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। ये इतनी बड़ी सफलता है कि अब टीम के फ़ैन्स उससे 2016 में काफी उम्मीदें कर रहे हैं। 2016 के पहले छह महीनें क्रिकेट से भरे हुए हैं लेकिन सब की निगाहें होंगी टी20 विश्व कप पर जो भारत में ही होगा।
2016 की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया दौरे से होगी जो ज़ाहिर है बहुत मुश्किल होने वाला है और धोनी का करिअर भी तय हो जाएगा हालंकि टी20 विश्व कप तक उनके ही कप्तान बने रहने की संभावना है। कहा तो ये भी जाता है धोनी ने इसी ईवेंट पर नज़र रखते हुए ही टेस्ट टीम की कप्तानी से इस्तीफ़ा दिया था।
इसके बाद, एशिया कप और IPL भी है लेकिन जिस ईवेंट पर सबकी नज़र होगी वो है टी20 विश्व कप। धोनी अपने करिअर के अंतिम दौर में हैं और ज़ाहिर है वो एक अच्छे नोट पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहना चाहेंगे और टी20 विश्व ख़िताब से बेहतर तोहफ़ा कुछ और हो नहीं सकता।
धोनी के लिये अच्छी बात ये है कि टी20 विश्व कप के पहले टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया का दोरा करेगी जहां धोनी के बल्लेबाज़ों को विश्व स्तरीय गेंदबाज़ों को खेलने का मौक़ा मिलेगा। विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, रहाणे, जडेजा और धोनी अगर वहां रन बनाते हैं तो इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा जिसका फ़ायदा टी20 विश्व कप में मिल सकता है।
वैसे धोनी के पिछले एक-दो साल के परफ़ार्मेंस को देखें तो लगता है कि मानो धोनी की धार कुंद पड़ने लगी है। धोनी एक बेहतरीन फ़िनिशर माने जाते हैं लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी वैसी नहीं चल रही है जो एक ज़माने में चला करती थी। हाल ही में साउथ अफ़्रीका से टी20 और वनडे सिरीज़ में हार का ये भी एक बड़ा कारण रहा है।
सिर्फ बल्लेबाज़ी ही नहीं उनकी विकेट कीपिंग और बतौर कप्तान उनके फ़ैसलों पर भी सवाल उठने लगे हैं। तमाम आलोचनाओं के बावजूद धोनी ने हाल ही में घरेलू प्रतियोगिता में अपने बल्ले से फिर रंग जमाना शुरु कर दिया है और वो चाहेंगे कि ये रंगत टी20 विश्व कप तक बरक़रार रहे।