टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने विशाखापत्तनम टेस्ट में जीत के बाद कहा कि वह इंग्लैंड दूसरी पारी में रक्षात्मक खेलकर हमारे फंदे में पंस गया। सोमवार को इस टेस्ट में भारत को 246 से जीत हासिल हुई है।
चौथे दिन ओपनर एलस्टेयर कुक और हसीब हमीद ने रक्षात्मक शुरुआत की थी 50.2 औवर में 75 रन बनाए लेकिन कोहली का कहना है कि गेंदबाजों की मददगार पिच पर एकदम रक्षात्मक हो जाना सही तरीका नही है।
"ईमानदारी से कहूं तो हमें लगा कि वह दृड़ता के साथ उतरेंगे लेकिन जो रवैया उन्होंने अपनाया उससे हमें समझ आ गया कि कुछ विकेट मिलने के बाद इंग्लैंड टीम बिखर जाएगी।"
भारत चौथे दिन शाम को कुक और हमीद की जोड़ी तोड़ने में कामयाब रहा। अश्विन ने जहां हमीद को LBW कर दिया वहीं दिन की आख़िरी बॉल पर जडेजा ने कुक को आउट कर दिया।
कोहली ने कहा, "ये हमारे सह्र का इम्तहान था। हमें पता था कि वे इस तरह से खेलकर हममें खीज पैदा करने की कोशिश करेंगे और चाहेंगे कि हम धैर्य खोकर रणनीति बदल दें लेकिन हमने ऐसा किया नहीं। हमने सारा वक्त एक जैसी फ़ील्डिंग लगाए रखी। आख़िरी ओवर में ज़रुर पुजारा ने फील्ड में बदलाव का सुझाव दिया और कहा कि लोग साइड में दो और फ़ील्डर रखे जा सकते हैं। इससे कुक को अंतिम छह बॉलों पर और रक्षात्मक होना पड़ेगा और ये रणनीति काम कर गई।"
"वह (कुक) शरीर के पास के बजाय पैड के सामने खेले। बस ज़रा सी ग़लती आपको मैच जितवा सकती है। वो एक महत्वपूर्ण सफलता थी जिसकी हमें ज़रुरत थी ताकि दिन के आख़िर में नये बल्लेबाज़ को खेलना ही न पड़े। अगले दिन नये बल्लेबाज़ को ओवर की बची बॉल खेलने में बहुत मुश्किल होती है।"
कोहली ने कहा कि अगर आप दृड़ता के साथ ये सोचकर खेलते हैं कि मैं बैट से खेलुंगा और रन भी बनाता रहूंगा तब तो ठीक है लेकिन अगर आपने बॉल नियंत्रण करने की कोशिश की और बॉल इधर उधर घूमने लगे तो बैट का किनारा लग सकता है। हमने रक्षात्मक भी खेला और रन भी बनाए। 30-40 अतिरिक्त रनों से विरोधी टीम पर दबाव पड़ता है।
इंग्लैंड ने 59.2 ओवर में दो विकेट खोकर 87 रन बनाए लेकिन बाकी आठ विकेट 71 रन पर गिर गए।