भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मे मंगलवार को बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट जरूर मिलेगी। पूरी दुनिया में इस बात को लेकर भावना बढ़ रही है।
इजराइल और हमास के बीच जंग लगातार जारी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक और पहल की है। सुरक्षा परिषद मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान के दौरान गाजा में मानवीय संघर्ष विराम की मांग वाले प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए तैयार है।
भारत और ब्राजील के बीच नई दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर टू प्लस टू वार्ता हुई। इसमें रक्षा और विदेश मंत्रालय के सचिव शामिल रहे। इस वार्ता को भारत और ब्राजील के बीच गहरी होती दोस्ती का अहम आधार माना जा रहा है। दोनों ही देश यूएनएससी में स्थाई सदस्यता के भी प्रबल दावेदार हैं।
संघर्ष रोकने के संबंध में एक प्रस्ताव ब्रिटेन ने सुरक्षा परिषद में पेश किया जिसमें 15 सदस्यीय परिषद में से 14 देशों ने समर्थन में मत डाला और केवल रूस इस दौरान मौजूद नहीं था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर भारत ने जी-4 देशों का विस्तृत मॉडल पेश किया है। इसे भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील की ओर से तैयार किया गया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई और गैर-स्थाई सदस्यों की संख्या और नियमों में सुधार की बात कही गई है।
जापान की यात्रा पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश को यूएन में स्थाई प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
गाजा में सीजफायर को लेकर अमेरिका द्वारा विरोध में वीटो करने पर मुस्लिम देश भड़क उठे हैं। इसी बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने भारत की यूएन में स्थाई दावेदारी का समर्थन किया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता को लेकर भारत ने फिर यूएनएसी को फटकार लगाई है। भारत ने कहा है कि कब तक 188 देशों की आवाज को दबाते रहेंगे। यूएनएससी में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने स्थाई सदस्यता का मुद्दा उठाया।
रूस और यूक्रेन की जंग को दो साल होने को हैं लेकिन जंग का कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। इसी बीच यूएन में रूस ने पश्चिमी देशों पर इस जंग को थोपने का आरोप लगाया है।
अमेरिका के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी रूस ने पहली बार खुलकर अमेरिका पर आरोप लगाया है। मिडिल ईस्ट में चल रही जंग में अमेरिका की आक्रामक भूमिका पर जानिए रूस ने अमेरिका को किस बात के लिए कटघरे में खड़ा किया है?
बीते लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार और संशोधनों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, अब तक इसमें कोई भी बदलाव नहीं आया है। अब दिग्गज कारोबारी एलन मस्क नमे भी इस मामले में बड़ा बयान दिया है।
उत्तर कोरिया की ओर से लगातार किए जा रहे बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों और धमकियों से परेशान दक्षिण कोरिया ने अब इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ठोस कदम उठाने की मांग की है। दक्षिण कोरिया ने किम जोंग उन के उकसावे वाले कदमों के खिलाफ अपनी चुप्पी तोड़ने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बेल्जियम ने भी अब यूएनएससी में भारत को स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व की बेल्जियम ने तारीफ भी की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि दिल्ली में G20 सम्मेलन में भारत की विदेश नीति की सच्ची जीत हुई थी।
गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बड़े प्रस्ताव को अंगीकार किया है। यह प्रस्ताव संयुक्त अरब अमीरात की ओर से पेश किया गया था। 15 सदस्यीय इस मंच पर इसके पक्ष में 13 वोट पड़े और विरोध में किसी ने मतदान नहीं किया। यह प्रस्ताव पास होने से फिलिस्तीनी गदगद हो गए हैं।
सूडान में पिछले कुछ महीनों से अर्धसैनिक बल 'रैपिड सपोर्ट फोर्सेज' सूडानी सेना के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, जिसके चलते देश के लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य अब तक नहीं बनाए जाने पर रुचिरा कांबोज ने फिर से दावा पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत के स्थाई सदस्यता के दावे को अब लंबे समय तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
इजरायल-हमास युद्ध लगातार जारी है। इजरायली सेना गाजा पर जमीनी और हवाई अभियान चला रही है। भारी संख्या में हमास आतंकियों को इजरायल ने मार गिराया है। अब शिफा हॉस्पिटल में हमास के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच गाजा में सीजफायर के मुद्दे पर इजरायल को संयुक्त राष्ट्र में हार का सामना करना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी अमेरिका व चीन—रूस के बीच मतभेतद खुलकर दिखाई दिए। गाजा में युद्धविराम को लेकर एक प्रस्ताव अमेरिका ने लाया तो रूस और चीन ने मिलकर उसे वीटो करके खारिज कर दिया।
इजराइल और हमास की जंग पर UNSC में आयोजित मीटिंग में अमेरिका भड़क गया है। अमेरिका ने इजराइल का पक्ष लेते हुए दुनिया में फैले हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है। साथ ही आतंकवादियों को मदद करने वाले देशों को भी आड़े हाथों लिया।
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