Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, पितृ पक्ष में पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए ज्योतिषि चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं कि पितरों का तर्पण कैसे करना चाहिए।
Pitru Paksha 2023: पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृ पक्ष के दौरान इन नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ऐसे नहीं करने पर आपसे पितृ नाराज हो सकते हैं।
Pitru Paksha 202 Date: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस दौरान श्राद्ध कर्म या पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितृ पक्ष में ब्राह्मण या जरूरतमंद को अन्न, धन्न और वस्त्र का दान करना चाहिए।
Mahalaya 2022: महालया, सर्व पितृपक्ष के आखिरी दिन को अमावस्या पड़ती है। इस दिन आपने पितरों को पूरी श्रद्धा के साथ विदा किया जाता है।
Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष की शुरुआत हो गई है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का काफी महत्व माना जाता है। अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए पूरे मन और विधि-विधान के साथ श्राद्ध कर्म किया जाता है।
Pitru Paksha 2022: पितरों का तिरस्कार करने से वो नाराज हो जाते हैं और घर में अशुभ घटनाएं घटती हैं।
Pind daan in Gaya: गया में पिंडदान करने का अलग महत्व है। यहां पिंडदान करने से मृत आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। साथ ही उसकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस बार ये इंदिरा एकादशी 13 सितंबर को है। जानें इंदिरा एकादशी के व्रत का शुभ मुहूर्त और नियम और कथा।
धर्म डेस्क: श्राद्ध (Shradh) शुरू हो गए हैं। इस दौरान घर के बड़े सदस्य अपने पितरों के श्राद्ध मनाकर उनकी आत्मा को शांति देंगे। पितृ पक्ष के पूरे 16 दिनों के दौरान श्राद्ध की इन तिथियों के मुताबिक श्राद्ध देंगे। जानिए आखिर श्राद्ध के समय तर्पण और पिंडदान क्यों है जरुरी। इसके साथ ही जानें किस तरह करना होता है शुभ।
आज के दिन कृतिका नक्षत्र भी है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार गरुड़ पुराण में बताया गया है कि कुछ ऐसे नक्षत्र हैं, जिनमें किसी पूर्वज के स्वर्गवास की तिथि के अलावा भी श्राद्ध कार्य करके लाभ उठाया जा सकता है और कृतिका नक्षत्र उन नक्षत्रों में से एक है।
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, "खुलासा और दिलासा मास्टर की कुख्यात जोड़ी डर के मारे कुछ दिनों में अपराधियों के पैर भी पकड़े तो अचंभित नहीं होना क्योंकि बिहार पुलिस से ज्यादा एके-47 अपराधियों के पास है।"
पितरो को समर्पित पितृ पक्ष अश्विनी मास की कृष्ण पक्ष की पूर्णमासी में भाद्रपद का क्षय होने के साथ शुरु होते है। 16 दिन के लिए हमारे पितृ घर में विराजमान होते है। जानें तिथि, मुहूर्त और नियम
आश्विन अमावस्या पितृगण के निमित विशेष पर्व है, जिसमें पितृ के लिए पिंडदान, तर्पण व श्राद्ध आदि करके व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्ति पा सकता है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से किस शुभ मुहूर्त और कैसे करें अपने पितरों को विदा..
आज सूर्य उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जाएंगा। जिसके कारण आज महालक्ष्मी संबंधी ये उपाय करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से क्या करें उपाय...
श्राद्ध पक्ष में नक्षत्र के हिसाब से पिंडदान, तर्पण करने से धन-धान्य की तो प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितृदोष से भी निजात मिल सकता है। जानिए किस नक्षत्र में क्षाद्ध करने में कौन सा लाभ मिलेगा।
बिहार का पवित्र स्थान गयाजी की महात्ता सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशों में भी है। इन दिनों श्राद्ध पक्ष के कारण भारी मात्रा में विदेशी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां पर आ रहे है। जानिए इसके बारें में और...
बिहार का गयाजी तीर्थ स्थान पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए सबसे उचित स्थान माना जाता है। माना जाता है कि अगर आप अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाना चाहते है तो यहां पर आएं। इस स्थान पर 7 पीढ़ी के पूर्वजों तक को मोक्ष दिलाई जाती है। जानिए इस तीर्थ के बारें.
कई लोग ऐसे होते है कि जो कि पितृ श्राद्ध पक्ष में प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करते है। जानिए शास्त्रों के अनुसार इसके पीछे क्या है राज़....
हिंदू धर्म में श्राद्ध का बहुत अदिक महत्व है। इसमें तर्पण और पिंडदान करना जरुरी होता है। इन दोनों के बिना श्राद्ध नहीं हो सकता है और न ही हमारे पूर्वजों को मोक्ष मिलती है। जानिए आखिर क्यों जरुरी है तर्पण साथ ही जाने पिंडदान करने की पूरी विधि के बारें
6 सितंबर से पितपक्ष श्राद्ध शुरु हो गए है। जो कि 20 सितंबर को अमावस्या के साथ समाप्त होगे। यह पूर्वजों के वरदान पाने का सबसे अच्छा मौका होता है। जानिए क्या है श्राद्ध और प्रकार। साथ ही जानें किस दिन करें किसका श्राद्ध..
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